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मोदी भी हिमाचल के इस गांव के है बहुत मुरीद...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में यूरिया के उपयोग कम करने के लिए आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 2022 तक हमारा किसान यूरिया का उपयोग आधा कर देगा. उन्होंने कहा कि धरती को हम मां कहकर पुकारते हैं और अत्यधिक यूरिया के उपयोग से उसे नुकसान है अत: हमें यूरिया के उपयोग कम करने की दिशा में कार्य करना होगा.

KJ Staff
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में यूरिया के उपयोग कम करने के लिए आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 2022 तक हमारा किसान यूरिया का उपयोग आधा कर देगा. उन्होंने कहा कि धरती को हम मां कहकर पुकारते हैं और अत्यधिक यूरिया के उपयोग से उसे नुकसान है अत: हमें यूरिया के उपयोग कम करने की दिशा में कार्य करना होगा.

आप को बता दें कि मन की बात का 38 वें संस्करण में प्रधानमंत्री ने किसानों को ये सलाह देते हुए कहा कि 5 दिसंबर को मृदा स्वास्थ्य दिवस है. इसलिए मैं अपने किसान भाई/बहनों को संदेश देना चाहता हूं मिट्टी यदि उपजाऊ नहीं हुई तो क्या होगा. पीएम मोदी के अनुसार इस धरती पर जो कुछ भी है वह मृदा मिट्टी की उर्वरता पर ही निर्भर है लेकिन हम आज के समय में यूरिया के अत्यधिक उपयोग कर मृदा उर्वरता को नष्ट कर मृदा स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहें हैं. इसलिए हमें अपने खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य निरंतर बना रहे इस दिशा में जागरुकता बढ़ानी होगी.

इस दौरान पीएम ने हिमाचल हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के टोहू गाँव, भोरंज ब्लॉक और वहां के किसानों के बारे में मैंने सुना था. यहाँ किसान पहले असंतुलित ढंग से रासायनिक उर्वरकों  का उपयोग कर रहे थे और जिसके कारण उस धरती की सेहत बिगड़ती गई. उपज कम होती गई और उपज कम होने से आय भी कम हो गई और मिट्टी की भी उत्पादकता धीरे-धीरे-धीरे घटती जा रही थी. गाँव के कुछ जागरुक किसानों ने इस परिस्थिति की गंभीरता को समझा और इसके बाद गाँव के किसानों ने समय पर अपनी मिट्टी की जाँच करायी और जितने  उर्वरकों, सूक्ष्म तत्वों और जैविक खाद का उपयोग करने के लिए उन्हें कहा गया, उन्होंने उस सुझाव को माना, उस सलाह को माना और आप यह परिणाम सुनकर के चौंक जाएंगे कि मृदा स्वास्थ्य के द्वारा किसानों को जो जानकारी मिली और उससे उनको को मार्गदर्शन मिला, उसको लागू करने का परिणाम क्या आया? रबी 2016-17 में गेंहू के उत्पादन में प्रति एकड़ तीन से चार गुना की वृद्धि हुई और आय में भी प्रति एकड़ चार हज़ार से लेकर के छह हज़ार रूपये तक की वृद्धि हुई. इसके साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार आया. रसायनों  का उपयोग कम होने के कारण आर्थिक बचत भी हुई.

यही नहीं मोदी ने कहा मध्य प्रदेश के एक दिव्यांग बालक का भी उदाहरण देते हुए कहा पर्यावरण की स्वच्छता के लिए इस 8 वर्षीय बालक ने घर-घर जाकर खुले में शौच न करने के लिए लोगों को सचेत किया ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो. उस बालक के इस सराहनीय कार्य के लिए मोदी ने जमकर तारीफ की.

English Summary: Modi is very much from this village of Himachal. Published on: 26 November 2017, 05:00 AM IST

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