भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान पूजनीय है. इसी संदर्भ में, दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने 8 जून 2022 को नजफगढ़ के डाबर हरे कृष्णा गौशाला का जाएज़ा लेने पहुंचे थे. दरअसल, इस गौशाला को दिल्ली की मॉडल गौशाला (Model Gaushala) के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें गाय के गोबर का इस्तेमाल ईंधन बनाने के लिए किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, इस मॉडल पर दिल्ली की सभी गौशालाओं को विकसित करने का पायलट प्रोजेक्ट (Gaushala Pilot Project) लॉन्च किया गया है.
हर गौशाला, मॉडल गौशाला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली की मॉडल गौशाला में आईजीएल (IGL) द्वारा स्थापित, सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) और बायो गैस प्लांट (Biogas Plant) भी लगाया जाएगा. इससे बायोगैस से निकलने वाले अवशेषों से खाद बनाई जाएगी जो आने वाले समय की मांग भी है. इसी संदर्भ में दिल्ली कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने गौशाला का भ्रमण करने के बाद इसके पावर प्लांट का उद्घाटन किया, जो पुराने स्ट्रक्चर पर बनकर तैयार किया गया है. इस प्लांट से 500 किलो वॉट पावर पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है.
बनेगी बायोगैस और जैविक खाद
डाबर हरे कृष्णा गौशाला (Dabar Hare Krishna Gaushala) में लगभग 24 एकड़ में फैली हुई है, जिसमें मुख्य तौर पर 5 मेगा वॉट पावर पैदा फ़िलहाल के लिए पैदा होगी. साथ ही, गौशाला के मेन गेट के ठीक सामने आईजीएल द्वारा बायोगैस का प्लांट लगाना और इसी बायोगैस के अवशेषों से जैविक खाद (Organic Fertilizer) बनाना इस पॉयलेट प्रोजेक्ट में शामिल हैं. गौशाला का यह मॉडल जैसे ही आधुनिक सुविधाओं के साथ स्मार्ट गौशाला में तब्दील होगा, वैसे ही यह रोज़गार भी सृजित करेगा.
दिल्ली बनेगी स्मार्ट मॉडल सिटी
इस गौशाला का भ्रमण करने के बाद, दिल्ली कैबिनेट के मंत्री गोपाल राय ने बताया कि "केजरीवाल सरकार, दिल्ली को एक स्मार्ट मॉडल सिटी (Smart Model City) में विकसित करने के प्रयास में जुटी हुई है. इसके लिए आम आदमी पार्टी हर उचित कदम उठा रही है. इसी मॉडल के अंतर्गत, सरकार का अगला कदम दिल्ली की सभी गौशालाओं को स्मार्ट गौशाला में तब्दील करना है. इस कदम से दिल्ली के मवेशियों को उनके अनुसार वातावरण मिलेगा और साथ ही इस क्षेत्र से संबंधित लोगों को अधिक से अधिक रोज़गार मिल सकेगा".
दिल्ली की गौशालाओं को स्मार्ट गौशाला बनाने के पहले चरण में नजफगढ़ की डाबर हरे कृष्णा गौशाला को चुना गया है. जैसे ही यह गौशाला इस मॉडल के तहत पूर्ण रूप से विकसित हो जाएगी वैसे ही दिल्ली की अन्य गौशालाओं पर काम तेज़ी से होना शुरू हो जाएगा.
पैदा होंगे हज़ारों रोज़गार
ख़ास बात यह है कि इन गौशालाओं में सभी गाय की रहने की उचित सुविधा के साथ उनके चारे, उपचार, दवाई-दरमद और घूमने के लिए बेहतर व्यवस्था मिल पाएगी. दिल्ली की इन सभी गौशालाओं को इस तरह विकसित किया जाएगा, ताकि वह भविष्य में आत्मनिर्भर बन सके और पर्यावरण के अनुकूल हों. इस कड़ी में गोपय राय ने आगे कहा कि "यह गौशालाएं रोज़गार पैदा (Employment) करने का काम भी करेंगी और उनकी आय में भी वृद्धि हो सकेगी".
कृषि क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
यह मॉडल कृषि क्षेत्र के लिए भी लाभकारी साबित होगा, क्योंकि दिल्ली की इन सभी गौशालाओं में समय-समय पर किसानों, पशुपालकों, पर्यावरण संरक्षकों और अन्य संबंधित लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे.
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