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राजस्थान में आए दिन जनता की भलाई के लिए सरकार के द्वारा कई तरह के कदम उठाए जाते हैं. हाल-फिलहाल में प्रदेश के करीब 40 एकड़ भूमि में बाजरा अनुसंधान संस्थान को खोलने के लिए 250 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है. बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री और बाड़मेर के स्थानीय सांसद कैलाश चौधरी के प्रयासों से बाड़मेर के गुड़ामालानी में आईसीएआर के राष्ट्रीय स्तर के बाजरा अनुसंधान संस्थान खोलने के सभी कार्य सफलतापूर्वक पूरे हो गए हैं. इस संस्थान का भूमिपूजन 27 सितंबर के दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के द्वारा किया जाएगा.
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि भारत सरकार वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेटस ईयर के रूप में मना रही है. भारतीय मिलेटस जिसे मोटा अनाज भी कहा जाता है. इसे श्री अन्न भी नाम दिया गया है. श्री अन्न में मुख्य रूप से बाजरा, ज्वार, रागी, कुटकी इत्यादि शामिल है.
किसानों के लिए उपयोगी साबित होगा संस्थान
राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, पाली, जोधपुर सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में बाजरे की खेती को बढ़ावा देने, इसकी उन्नत किस्में विकसित करने और साथ ही प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ने के उद्देश्य से बाड़मेर के गुड़ामालानी में खुलने वाला यह बाजरा अनुसंधान संस्थान नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में उपयोगी साबित होगा. मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान का बाड़मेर बाजरे की उन्नत किस्मों को विकसित करने और इसे अन्य खाद्य पदार्थ के रूप में बढ़ावा देने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है. देश का सर्वाधिक 57 प्रतिशत बाजरे की खेती राजस्थान में की जाती है.
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सरकार मोटे अनाज को दे रही बढ़ावा
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बाजरा अनुसंधान संस्थान को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से मोटा अनाज या श्री अन्न को देश दुनिया में बढ़ावा देने के लिए बजट 2022-23 में विभिन्न सराहनीय कदमों में से एक है.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बजट के दौरान आईसीएआर-आईआईएमआर, हैदराबाद को बाजरा के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की घोषणा भी की गयी.
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