किसानों के लिए बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि आफ़त बन चुकी है. किसानों की लगभग आधी फसल बर्बाद हो चुकी है. अगर मौसम ने एक बार फिर रुख बदला, तो किसानों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिर जाएगा. इसी कड़ी में मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले कुछ दिन हरियाणा के किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. ऐसे में किसानों की चिंता और बढ़ गई है.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग का कहना है कि किसानों के लिए मार्च के 4 दिन आफ़त बनकर सामने आने वाले हैं. बता दें कि मौसम विभाग ने हरियाणा के भिवानी जिले के किसानों को ज्यादा सर्तक रहने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि शनिवार से मौसम में ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिन यानी 23, 25 और 26 मार्च को मौसम में काफी बदलाव हो सकता है. इस दौरान तेज हवाओं के साथ बारिश और बूंदाबांदी होने की आशंका है. मौसम बदलाव की वजह से तापमान में गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है. इसके बाद मौसम कुछ दिन के लिए साफ रहेगा.
किसानों की चिंता बढ़ी
आपको बता दें कि बीते 29 फरवरी को बारिश और ओलावृष्टि से कई गांवों में सरसों और गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों की लगभग 10 से 40 प्रतिशत फसल को भारी नकुसान हुआ. किसान इस आपदा का दुख झेल ही रहा था कि 4 और 6 मार्च को एक फिर मौसम ने रुख बदल लिया. इससे किसानों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई.
गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान
तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. बता दें कि गेहूं की फसल पर बालियां आ गई थीं, लेकिन अब फसल के जमीन पर पसरे रहने के आसार हैं. इस तरह किसानों को फसल कटाई के वक्त परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
सरसों की फसल को नुकसान
मौसम का असर सरसों की फसल पर भी दिखाई दे रहा है. इसकी वजह है कि जब फसल पककर फलियों के बोझ से झुकी हुई थी, बारिश और ओले से फलियां सूखने लग गई हैं. फलियां सफेद होने लगी हैं.
किसान के मुताबिक...
किसानों का मानना है कि इस वक्त उनकी सरसों की फसल पूरी तरह पकी नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी फसल की कटाई करना शुरू कर दिया है. इसकी वजह है कि वे मौसम पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा उन्हें कोरोना वायरस का डर भी सता रहा है.
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक...
कृषि विश्वविद्यालय मौसम वैज्ञानिक का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बदलाव हो रहा है. यह बदलाव 23, 25 और 26 मार्च को होगा. इस दौरान गरज चमक, तेज हवाओं के साथ बारिश और बूंदाबांदी हो सकती है.
कृषि अधिकारी के मुताबिक...
कृषि विकास अधिकारी का मानना है कि बेमौसम बारिश किसानों की फसलों के लिए सही नहीं है. किसान ओलावृष्टि की काफी मार झेल चुका है, लेकिन एक बार फिर किसानों को मौसम की मार झेलने के लिए तैयार रहना होगा.
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