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Mandi Bhav: रबी सीजन में किसानों को इन फसलों के मिले MSP से 3-11 प्रतिशत अधिक दाम

इस रबी सीजन में भारतीय किसानों को तीन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 3-11 प्रतिशत अधिक और दो फसलों के लिए 7 प्रतिशत कम मूल्य मिला, जबकि प्रमुख रबी कटाई सीजन (अप्रैल-जून) के दौरान एक फसल में यह बेंचमार्क दर के आसपास था.

KJ Staff
aaj ka mandi bhav
आज का मंडी भाव

इस रबी सीजन में मिले कुछ फसलों के भाव किसानों को और अधिक रकबे में खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर सकता है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस रबी सीजन में भारतीय किसानों को तीन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 3-11 प्रतिशत अधिक और दो फसलों के लिए 7 प्रतिशत कम मूल्य मिला, जबकि प्रमुख रबी कटाई सीजन (अप्रैल-जून) के दौरान एक फसल में यह बेंचमार्क दर के आसपास था. वही गेहूं के मामले में, अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अखिल भारतीय औसत मंडी (कृषि टर्मिनल बाजार) मूल्य 2,331 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से 2.5 प्रतिशत अधिक था.

केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, उत्तर प्रदेश के किसानों ने  जहां पहले फसलें एमएसपी से कम कीमत पर बेची जाती थीं, उन्हें 2,347 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त हुए. इसके अलावा चना के मामले में औसत मंडी मूल्य 11 प्रतिशत अधिक 6,041 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि इसका एमएसपी 5,440 रुपये प्रति क्विंटल है. इस फसल के सबसे बड़े उत्पादक मध्य प्रदेश में किसानों को 5,998 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला. कुसुम के मामले में औसत भाव 5,989 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि इसका एमएसपी 5,800 रुपये है, जो 3.3 प्रतिशत अधिक है. सबसे बड़े उत्पादक राज्य हरियाणा में किसानों ने तिलहन की फसल 6,760 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची है.

कम लेकिन फिर भी...

जौ के मामले में, जिसका उपयोग मुख्य रूप से शराब बनाने के लिए भट्टियों द्वारा किया जाता है, किसानों ने फसल 1,862 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची है, जो इसके एमएसपी 1,850 रुपये प्रति क्विंटल से थोड़ा अधिक है. हालांकि, सबसे बड़े उत्पादक राजस्थान में कीमत 1,820 रुपये प्रति क्विंटल रहा जो एमएसपी से कम रही. वर्ष 2022 में कम उत्पादन के कारण जौ किसानों को 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का भाव मिला था. दूसरी ओर, अप्रैल-जून के दौरान सरसों और मसूर दोनों के भाव उनके एमएसपी से लगभग 7 प्रतिशत कम थे. जहां किसानों को सरसों से औसतन 5,281 रुपये प्रति क्विंटल मिले, वहीं मसूर (मसूर) के मामले में मंडी (कृषि बाजार यार्ड) का भाव 5,990 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

राजस्थान और मध्य प्रदेश, जो सरसों और मसूर फसलों के शीर्ष उत्पादक हैं, दोनों के किसानों को अखिल भारतीय औसत भाव से भी कम भाव मिला. राजस्थान में सरसों का भाव 5,131 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि मध्य प्रदेश में मसूर का भाव 5,713 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

English Summary: Mandi Bhav in Rabi season farmers got 3-11 percent more price than MSP for these crops Published on: 03 July 2024, 11:11 AM IST

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