Makhana Mahotsav: उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी संस्कृति एवं समृद्धि का उत्सव-मखाना महोत्सव, 2024 का आयोजन 3 और 4 अगस्त, 2024 को पटना के ज्ञान भवन में किया जा रहा है. संजय कुमार अग्रवाल (सचिव, कृषि विभाग, बिहार) ने बताया कि इस उत्सव का उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय के द्वारा किया जायेगा. मखाना महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मखाना उत्पादन के आधुनिक तकनीकी से कृषकों को रूबरू कराना, मखाना व्यापार के नये आयाम को खोजना एवं विकसित करना तथा मखाना के औषधीय एवं पोषक गुणों के प्रति आमजन को जागरूक करना है.
महोत्सव के माध्यम से मखाना उत्पादक कृषकों, वैज्ञानिकों, व्यापारियों, संबद्ध विभागों को एक मंच प्रदान किया जाता है, जहां कृषक अपनी सफलता का प्रदर्शन कर पाते हैं. वहीं वैज्ञानिक, निर्यातक, संबद्ध विभाग से मिलकर अपनी समस्याओं का निराकरण प्राप्त करते हैं एवं अपने उत्पाद को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में मार्केटिंग के विभिन्न पहलू पर ज्ञान प्राप्त कर पाते हैं.
1. मखाना उत्पादन में बिहार की विशिष्टता:-
बिहार की मिट्टी की जैव विविधता एवं विशिष्ट जलवायु मानव हितार्थ अनेक फसलों को फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है. इन्हीं फसलों में मखाना एक जलीय फसल है, जिसका पूरे देश में उत्पादन का 85 प्रतिशत से अधिक उत्पादन बिहार की मिट्टी से होता है. मखाना बिहार के मिथिला क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण फसल है, जिस पर लाखों किसान आजीविका के लिए आश्रित है.
बिहार में मखाना की वर्त्तमान स्थिति
कुल रकवा - 27,663 हेक्टेयर
कुल बीज/गुड़ी उत्पादन - 56326 मीट्रिक टन
राज्य में मखाना विकास हेतु - राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र (मखाना), दरभंगा.
अनुसंधान एवं विकास संस्थान - भोला पासवान शास्त्री, कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया.
उन्नत प्रजाति - स्वर्ण वैदेही, सबौर मखाना-1
खेती प्रणाली - तालाब एवं खेत प्रणाली
प्रमुख उत्पादक जिला - दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज
2. मिथिला मखाना को जी. आई. टैग:-
16 अगस्त, 2022 को मिथिला मखाना को भारत सरकार द्वारा जी. आई. टैग प्रदान किया गया. फलस्वरूप आज बिहार के युवक मखाना के व्यावसायिक मूल्य को समझते हुए इसके उत्पादन, प्रसंस्करण, मार्केटिंग आदि क्षेत्रों में स्वरोजगार अपना रहे हैं.
3. मुट्ठी भर मखाना है, सेहत का खजाना:-
मखाना प्रोटीन, फाइबर एवं कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है, जबकि इसमें वसा, कॉलेस्ट्रॉल एवं कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है. इसके अलावा. यह विटामिन एवं आवश्यक पोषक तत्वों जैसे पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि से भरपूर है. आज देश-विदेश में लोग मखाना को सुपरफूड के रूप में अपना रहे हैं.
4. राज्य सरकार की पहल:-
मखाना के आर्थिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मखाना के उन्नत प्रभेदों के बीज उत्पादन एवं प्रत्यक्षण तथा क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार की पहल से मखाना भण्डारण की भी सहायता वर्ष 2023-24 से मखाना उत्पादकों को दी जा रही है जिसमें भण्डारण इकाई पर 75 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है. इसी प्रकार, राज्य में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति अन्तर्गत चयनित 7 सेक्टर्स में मखाना को भी शामिल किया गया है, जिसके अन्तर्गत मखाना प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने हेतु पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है. इस योजना के तहत् व्यक्तिगत निवेशक के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 15 प्रतिशत (प्रोजेक्ट कॉस्ट न्यूनतम 0.25 करोड़ रूपये एवं अधिकतम 5.00 करोड़ रूपये) एवं एफ.पी.सी. (फार्मर्स प्रोड्युसर कंपनी) के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है.
मखाना महोत्सव, 2024 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मखाना एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पाद एवं निर्यात क्षमता को बढ़ाना है. फलस्वरूप इस महोत्सव में मखाना के प्रगतिशील कृषकों एवं उत्पादक कंपनी, देश एवं राज्य के प्रमुख निर्यातकों, ट्रेडर्स, वैज्ञानिक आदि को आमंत्रित किया गया है.
मखाना विकास की प्रमुख झलकियां :-
- विभिन्न ग्रेड के मखाना एवं मखाना उत्पाद का प्रदर्शन.
- क्रेता-विक्रेता सम्मेलन.
- मखाना हार्वेस्टिंग एवं पॉपिंग में मशीन का उपयोग, कीट एवं रोग प्रबंधन, भौगोलिक सूचक रजिस्ट्री के लाभ, आदि पर तकनीकी सत्र.
- मखाना के विभिन्न उत्पादों के लिए 20 से अधिक स्टॉल
मखाना महोत्सव, 2024 दो दिनों तक चलेगा, जिसके प्रथम दिन पैनल चर्चा के माध्यम से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जैसे मखाना के उत्पादन में वृद्धि की संभावना, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, यंत्रीकरण, देश के बाजार के लिए बिहार के मखाना की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, वैश्विक पहुंच के लिए बिहार के मखाना की मार्केटिंग रणनीतियों को बढ़ाना आदि. देश के प्रमुख निर्यातक के.एम.एस. एक्सपोर्ट्स, डी.पी. ग्रूप आदि, संस्थागत क्रेता, बिग बास्केट, रिलायन्स, फ्लिपकार्ट, डाबर इंडिया, स्विग्गी आदि भाग लेंगे.
बिहार तथा अन्य राज्यों स्थित कई प्रोसेसर भाग ले रहे हैं. यथा - फार्मले, मिस्टर मखाना, मखाना वर्ल्ड, मखायो, एम.बी.ए. मखानावाला, मिथिला नैचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड, मधुबनी, फार्म-टू-फैक्ट्री, पूर्णिया, कोशिआन्चल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, सुपौल, ऑर्गेनिक सत्त्वा, इत्यादि.
मखाना किसानों को कृषि ऋण की जानकारी सुचारु रूप से प्राप्त हो इसलिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, बिहार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है. खाद्य प्रसंकरण इकाईयों के लिए बिहार सरकार द्वारा दी जा रही सहायताओं की जानकारी साझा करने हेतु उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है. इस्टर्न सेन्ट्रल रेलवे के प्रतिनिधि, इंडिया पोस्ट एवं बिहार स्थित एयरपोर्ट प्रतिनिधि भी भाग ले रहे है.
मखाना व्यंजन प्रतियोगिता के अंतिम चरण का आयोजन भी महोत्सव के प्रथम दिन किया जायेगा जिसमें मखाना से बने भिन्न व्यंजनों जिनका होटल प्रबंधन संस्थान, बोधगया तथा हाजीपुर एवं ताज सिटी के शेफ द्वारा मूल्यांकन किया जायेगा.
लोगों में सुपरफूड मखाना के औषधीय एवं पोषक गुणों के प्रति आम लोगों के बीच जागरूकता हेतु राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी मखाना महोत्सव के दूसरे दिन भाग ले रहे हैं.
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