1. Home
  2. ख़बरें

महाराष्ट्र में मक्के से बदल रहा खेती का पैटर्न, SM स‍िस्टम ने बढ़ाई क‍िसानों की उम्मीद

मक्का की खेती अब किसानों के लिए एक आशाजनक विकल्प बन चुकी है. यह न केवल उनकी आय में वृद्धि कर रहा है, बल्कि किसानों को फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव से भी बचा रहा है. इथेनॉल उद्योग के बढ़ते प्रभाव, कम पानी की खपत और उपजाऊ भूमि के साथ मक्का की खेती किसानों के लिए एक सशक्त और लाभकारी रास्ता साबित हो रही है.

लोकेश निरवाल
Maize in Maharashtra, Farming Pattern Change
SM स‍िस्टम ने बढ़ाई क‍िसानों की उम्मीद

मक्का, जिसे अब एक ऊर्जा क्रॉप के रूप में पहचाना जा रहा है, भारतीय कृषि में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. खासकर महाराष्ट्र के किसान इथेनॉल उद्योग के लिए मक्का की खेती को लेकर अधिक रुचि दिखा रहे हैं. इथेनॉल उत्पादन की बढ़ती मांग, कम पानी की खपत और अच्छे दाम के कारण मक्का को लेकर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) द्वारा चलाए जा रहे ‘इथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि’ प्रोजेक्ट का अब सकारात्मक असर दिखाई देने लगा है.

महाराष्ट्र में मक्का की खेती का बदलाव

महाराष्ट्र के कई किसान प्याज की कीमत में उतार-चढ़ाव और बढ़ती कीट और बीमारी की समस्याओं से परेशान होकर अब मक्का की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. पहले किसान अक्सर गन्ने के साथ प्याज की खेती करते थे, लेकिन प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट और कीटों के हमले के कारण उन्होंने मक्का की ओर रुख किया है. अब, गन्ना-मक्का की अंतर-फसल प्रणाली (Inter Cropping System) में किसानों की रुचि बढ़ रही है, जिसमें दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ उगाया जाता है.

गन्ना-मक्का की यह सहफसलीकरण प्रणाली किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो रही है. पहले प्याज के साथ गन्ने की सहफसल की जाती थी, लेकिन अब मक्का को गन्ने के साथ उगाकर किसान अच्छा लाभ कमा रहे हैं. गन्ने और मक्के की सहफसलीकरण से जल और भूमि की उत्पादकता में भी सुधार हो रहा है. इस प्रणाली में मक्का को गन्ने के पानी से पर्याप्त सिंचाई मिल जाती है, जिससे मक्का की पैदावार बढ़ती है.

मक्का की किस्मों का चयन

इस प्रणाली की सफलता में फसल की किस्मों का चयन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आईसीएआर-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान द्वारा जलग्रहण क्षेत्र प्रोजेक्ट के तहत कुछ प्रमुख किस्में जैसे डीएचएम 117, डीएचएम 121, कोर्टवा, बेयर, बायोसीड इत्यादि को प्रदर्शन के रूप में किसानों के खेतों में प्रयोग किया गया है. इन किस्मों को कीटनाशकों से उपचारित किया गया है, ताकि शुरुआती कीटनाशक के उपयोग को कम किया जा सके और फसल की अच्छी पैदावार सुनिश्चित हो सके.

इस परियोजना के तहत, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड मक्का के बीज प्रदान किए गए, जिन्हें कीटनाशकों से उपचारित किया गया था. इस प्रक्रिया से मक्का के पौधों की बेहतर वृद्धि सुनिश्चित होती है और कीटों से बचाव होता है.

मक्का और गन्ने की सहफसलीकरण

मक्का और गन्ने की सहफसलीकरण में विशेष रूप से टॉपरमेजोन और एंट्राजिन जैसे खरपतवार नियंत्रण रसायन का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही, कॉलरेंट्रलिप्रोल का उपयोग कीट नियंत्रण के लिए किया जाता है. इस सहफसलीकरण में मक्का के लिए अतिरिक्त खाद की मात्रा दी जाती है, जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ती है. इस वर्ष खरीफ ऋतु में इस सहफसलीकरण से किसानों के खेतों में 24 क्विंटल मक्का प्रति एकड़ की पैदावार प्राप्त हुई.

मक्का की खेती
मक्का की खेती

किसान प्रशिक्षण और जागरूकता

इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को वैज्ञानिक तरीके से मक्का की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. आईआईएमआर के निदेशक डॉ. हनुमान सहाय जाट और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसएल जाट ने बताया कि मक्का की फसल इस समय किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसकी मांग फूड, फीड और फ्यूल तीनों क्षेत्रों में बढ़ रही है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत, हर मौसम में तीन तकनीकी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं. इसके अलावा, किसानों के बीच मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए फील्ड डे भी आयोजित किए गए.

इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मक्का प्रजनकों, केवीके वैज्ञानिकों, जिला कृषि कर्मचारियों, मक्का विशेषज्ञों और बीज एवं कीटनाशक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने किसानों का मार्गदर्शन किया. इस प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप, अधिक से अधिक किसान मक्के की खेती को अपना रहे हैं या फिर गन्ने और मक्के की सहफसल प्रणाली की ओर रुख कर रहे हैं.

मक्का की खेती में बढ़ता भरोसा

मक्का की कीमत अब उसके एमएसपी/MSP से अधिक बनी हुई है, जिससे किसानों को इससे बेहतर दाम की सुनिश्चितता मिल रही है. प्याज और अन्य फसलों के मुकाबले मक्का को लेकर किसानों को ज्यादा फायदा हो रहा है. मक्का की खेती अब एक स्थिर और लाभकारी विकल्प के रूप में उभर रही है, और महाराष्ट्र के किसानों के बीच इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.

English Summary: Maharashtra maize farming pattern sm system boosts farmer hope Published on: 17 January 2025, 10:47 AM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News