Maharatra: महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने प्याज किसानों के लिए घोषित प्याज सब्सिडी को बढ़ाने और राज्य में वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विशेष समिति गठित करने के लिए तैयार हो गई है. सरकार ने यह फैसला किसानों के मार्च के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच गुरुवार को हुई बैठक में लिया.
इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों के लंबे मार्च के प्रतिनिधियों ने कहा कि भले ही शिंदे के साथ सकारात्मक चर्चा हुई, लेकिन वह इस मार्च को अभी खत्म नहीं करने जा रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही प्याज किसानों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी की घोषणा की है. सरकार इस राशि को और बढ़ाने के लिए भी सहमत हो गई है और साथ ही वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए समिति में माकपा के पूर्व विधायक जीवा पांडु गावित और महाराष्ट्र किसान सभा के अध्यक्ष अजीत नवले शामिल होंगे. सरकार 88,000 किसानों को शामिल करने पर भी सहमत हुई है, जो 2018 छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकारी सम्मान योजना के लिए आवेदन नहीं कर सके थे. इसके अलावा आदिवासी किसान जो 2018 की ऋण माफी योजना के लिए आवेदन नहीं कर सके थे, उन्हें भी अब योजना का लाभ दिया जाएगा.
किसानों के साथ हुई इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और इस संबंध में घोषणा जल्द ही राज्य विधानमंडल के अंदर की जाएगी. हम किसानों द्वारा उठाई गई मांगों के बारे में सकारात्मक हैं और इस पर विधानसभा में बयान देंगे.
महाराष्ट्र किसान सभा के अध्यक्ष अजीत नावले ने कहा कि उनकी सरकार के साथ चर्चा सकारात्मक रही और सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा हालांकि बैठक में मांगों को स्वीकार करना और वास्तव में प्रशासन को उन फैसलों को लागू करने का निर्देश देना दो अलग-अलग चीजें हैं.
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नवाले ने कहा कि किसानों का यह लंबा मार्च अब वासिंद के ईदगाह मैदान में रुकेगा और जब तक उन्हें विधानसभा में सरकार का बयान नहीं मिल जाता वह इस मार्च को जारी रखेंगे. किसानों ने इस मार्च में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत राशि में वृद्धि की मांग भी उठाई है.
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