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मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों का विस्तार, अब संचालित करेंगी पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर और फैक्ट्रियां!

मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों की भूमिका पारंपरिक सेवाओं से आगे बढ़कर पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर और फैक्ट्रियों तक विस्तारित हो रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ग्रामीण विकास, डेयरी उद्योग और रोजगार के नए अवसरों पर जोर दिया. NDDB के साथ समझौता कर राज्य के डेयरी क्षेत्र को सशक्त किया जाएगा.

मोहित नागर
Madhya Pradesh
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन (Pic Credit - Amit Shah - X Account )

मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों की भूमिका अब पारंपरिक दायरे से बाहर निकलकर बहुआयामी होती जा रही है. पहले जहां सहकारी समितियां केवल किसानों को खाद-बीज और ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती थीं, वहीं अब ये समितियां पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, मेडिकल स्टोर, रेलवे टिकट बुकिंग से लेकर फैक्ट्रियों के संचालन तक का जिम्मा उठाएंगी. यह जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान दी.

बहुउद्देश्यीय समितियों से ग्रामीण विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और प्रदेश सरकार इन संभावनाओं को साकार करने के लिए बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों का निर्माण और विस्तार कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में पहले ही इन समितियों के माध्यम से नए-नए व्यावसायिक प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.

डेयरी क्षेत्र में क्रांति लाने की तैयारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में डेयरी उद्योग को ग्रामीण आय का मजबूत स्रोत बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, "दूध उत्पादन घरेलू आय बढ़ाने का एक बेहतरीन साधन है और सरकार इसका लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाना चाहती है." उन्होंने यह भी ऐलान किया कि सरकार अब सीधे किसानों से गाय का दूध खरीदेगी, ताकि किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो.

प्रदेश सरकार का लक्ष्य राष्ट्रीय दूध उत्पादन में अपना योगदान वर्तमान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाना है. इसके लिए पशुपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और विशेष सब्सिडी योजनाएं चलाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए सरकार तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग भी प्रदान करेगी.

सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित होंगी फैक्ट्रियां

एमपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सहकारी समितियों के माध्यम से फैक्ट्रियां संचालित करने के लिए कई कंपनियों के साथ समझौते हुए हैं. यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उत्पादन और रोजगार के नए अवसर खोलेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये फैक्ट्रियां न केवल उत्पाद तैयार करेंगी, बल्कि उन्हें बाजार तक पहुंचाने में भी सहकारी समितियों की भूमिका अहम होगी. उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहे हैं, जिसमें गांव का किसान केवल उत्पादक ही नहीं, बल्कि एक सफल उद्यमी भी बन सके."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान

इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी भोपाल में उपस्थित रहकर राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के पास अपार संभावनाएं हैं. शाह ने विश्वास जताया कि सहकारी समितियों को सशक्त बनाकर ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है.

NDDB और सहकारी फेडरेशन में समझौता

इस मौके पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते के तहत प्रदेश में डेयरी उद्योग को तकनीकी और प्रबंधन सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे दूध उत्पादन, संग्रहण और विपणन प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा.

English Summary: madhya pradesh cooperative societies expand petrol pumps dairy factories employment 2025 Published on: 16 April 2025, 11:57 AM IST

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