देश के लिए एक बिन बुलाया मेहमान सिरदर्द बन गया है. यहां पहले से ही किसान और आम लोग कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के संकट से जूझ रहे थे कि एक और संकट उनके सर पर मंडराने लगा. हम दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासी कीट टिड्डियों (Locusts) की बात कर रहे हैं. देश में काफी बड़ी संख्या में टिड्डियों का दल प्रवेश कर चुका है. इन टिड्डियों ने अप्रैल में ही हमारे देश में प्रवेश कर लिया था. पाकिस्तान से आया टिड्डियों का दल लगातार किसानों की फसलों को चट कर रहा है. टिड्डियों के दल ने यूपी, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में आतंक मचा रखा है. ऐसा माना जा रहा है कि देश में पिछले 26 सालों में टिड्डियों के दल ने इतना खतरनाक हमला नहीं किया है.
टिड्डियों का एक अकेला दल लगभग 1 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में फैल सकता है. माना जा रहा है कि लगभग 8 से 15 करोड़ टिड्डियां 35 हजार से अधिक किसानों की फसल को बर्बाद कर सकती हैं. टिड्डियों का दल अफ्रीका के सींग से फैलकर यमन तक पहुंचा. इसके बाद ईरान और पाकिस्तान को निशाना बनाया. यहां टिड्डियों के दल ने कपास की कई हेक्टेयर खेती पर हमला किया है. अब इन्होंने भारत को अपना निशाना बनाया है.
यह लंबी उड़ान भरने में बहुत माहिर होते हैं. इस कारण यह 1 दिन में लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं. इन कीटों ने सर्दियों के मौसम से ही किसानों की चिंता बढ़ा दी थी. पिछले एक साल की बात की जाए, तो एक तिहाई से अधिक फसल टिड्डियों से प्रभावित होकर बर्बाद हुई है. टिड्डियों ने अफ्रीका से लेकर पश्चिम एशिया तक यात्रा की है. ये जून 2019 में ईरान से पाकिस्तान पहुंची थीं. यहां इन्होंने कपास, गेहूं और मक्का जैसी गर्मियों की फसल तबाह की.
टिड्डियों का दल गर्मियों की फसल खाने के लिए ज्यादातर जून के आस-पास आता है. मगर इस साल इन्होंने अप्रैल में ही फसलों पर हमला कर दिया. इन्होंने कई राज्यों की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को खतरे में डाला है. समस्या की बात है कि टिड्डियों के दल से बचने का कोई रास्ता नहीं निकल रहा है. इसके लिए देश के कई हिस्सों में कीटनाशकों से भरे ट्रकों को भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन कीटों को सिर्फ रात में खत्म किया जा सकता है, जब ये पेड़ों पर आराम करते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए ड्रोन का उपयोग भी किया जा रहा है. मगर इनकी संख्या ग्लोबल वार्मिंग की वजह से काफी अधिक है. माना जा रहा है कि ये गर्मियों से लेकर सर्दियों तक प्रजनन कर सकती हैं.
देश के लिए यह एक राष्ट्रीय आपदा है. अगर इतिहास देखा जाए, तो देश के लिए टिड्डियां हमेशा एक बड़ा संकट लेकर आईं हैं. यह समस्या आसानी से दूर होने वाली नहीं है. इस पर कोरोना की तरह ध्यान देने की ज़रूरत है. हालांकि भारत, ईरान और पाकिस्तान एक साथ मिलकर प्रयास कर रहा है कि टिड्डियों के नए दलों को बढ़ने से रोका जाए.
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