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TR4 फंगस केले की फसल के लिए है खतरनाक, कोरोना की तरह नहीं है कोई इलाज

दुनियाभर के लोग कोविड-19 से लड़ रहे हैं. इसका नकारात्मक प्रभाव किसानों की खेती पर भी काफी पड़ रहा है. एक ओर किसानों को फसल उगाने में कई समस्याएं आ रही हैं, तो दूसरी ओर फसल बिक्री में भी कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में एक और समस्या किसानों के सामने आकर खड़ी हो गई है.

कंचन मौर्य

दुनियाभर के लोग कोविड-19 से लड़ रहे हैं. इसका नकारात्मक प्रभाव किसानों की खेती पर भी काफी पड़ रहा है. एक ओर किसानों को फसल उगाने में कई समस्याएं आ रही हैं, तो दूसरी ओर फसल बिक्री में भी कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में एक और समस्या किसानों के सामने आकर खड़ी हो गई है.

दरअसल, वैज्ञानिकों का दावा है कि इस वक्त केले की खेती में ट्रॉपिकल रेस 4 यानि TR4  नाम का फंगस लग रहा है. यह फंगस फसल के लिए बहुत खतरनाक है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह कोविड-19 का लोगों के लिए खतरनाक है, वैसे ही TR4 फंगस केले की खेती के लिए खतरनाक है. इससे पहले भी इस फंगस ने केले की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. बता दें कि भारत केले का सबसे बड़ा उत्पादक है।

क्या है TR4 फंगस

वैज्ञानिकों की मानें, तो यह फंगस सबसे पहले केले के पत्ते को नुकसान पहुंचाता है, जिससे केले के पत्ते पीले पड़ने लगते हैं. इसके बाद यह फंगस फैलकर पूरी फसल को खराब करने लगती है. बताया जाता है कि इस फंगस का अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं आ पाया है. इसके बारे में नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर का मानना है कि यह पौधों की दुनिया का कोरोना है, जिसके हॉटस्पॉट यूपी और बिहार में ज्यादा पाए गए हैं. 

ताइवान से फैला  TR4 फंगस

कहा जाता है कि ताइवान में सबसे पहले TR4 फंगस की पहचान ताइवान की गई थी. इसके बाद यह एशियाभर में फैलता चला गया. अब यह फंगस मिडिल ईस्ट से अफ्रीका और लैटिन अमेरिका तक पहुंच चुका है.  

केले के लिए बहुत खतरनाक है TR4 फंगस

युनाइटेड नेसंश की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की मानें, तो यह फंगस केले के पौधों के लिए बहुत खतरनाक है. जिस तरह कोविड-19 का कोई इलाज नहीं आ पा रहा है, वैसे ही इस फंगस का इलाज भी नहीं आ पा रहा है. इस कड़ी में वैज्ञानिकों की सलाह है कि इस खतरनाक बीमारी से पौधों को बचाने के लिए उन्हें भी क्वारेंटीन किया जाए. इसके संक्रमण को रोका जा सकता है.

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इन प्रजातियों को होता है ज्यादा नुकसान

केले की खेती कई प्रजाति के नामों से होती है. यह फंगस ने अधिकतर खेती को प्रभावित करता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रकेप ग्रैंड नैन प्रजाति के केले पर पड़ता है. बता दें कि इस केले की प्रजाति सबसे ज्यादा बिकती है. इसको अधिकतर ज्यादा खाला पसंद करते हैं., क्योंकि इसमें कैलोरी, फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, शुगर, फाइबर, मिलिग्राम पोटैशियम, विटामिन सी और बी6 मौजूद होते हैं.

आपको बता हैं कि इस फंगस के कारण दुनियाभर में लगभग 26 बिलियन डॉलर की फसल बर्बाद हो चुकी है.  इस फंगस ने किसानों की चिंता को काफी बढ़ाया है. बता दें कि भारत में हर साल केले का 27 मिलियन टन उत्पादन होता है. ऐसे में इस फंगस की रोकथाम का तरीका  जल्द मिलना चाहिए.

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English Summary: TR4 fungus is dangerous for banana crops like corona Published on: 27 May 2020, 03:12 PM IST

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