वही हुआ जिसका था डर, आजकल देश का हर शख्स लॉकडाउन के दौरान खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुका है. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए और क्या नहीं. खौफ के मंजर के बीच दूर-दूर तक राहत की बयार बहती नहीं दिख रही है. वहीं, कोरोना वायरस के बीच एक-एक करके सभी राज्य लॉकडाउन की चपेट में आते जा रहे हैं.
यूं तो पहले से ही कई राज्य लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं, लेकिन अब इस फेहरिस्त में मध्यप्रदेश का भी नाम जुड़ गया है. हालांकि, यहां लॉकडाउन पहले से लगा हुआ था, मगर संजीदा हो चुके हालातों को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि को आगामी 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था. बहरहाल, इस बात की आशंका काफी पहले से ही जताई जा रही थी कि प्रदेश सरकार कुछ सख्त कदम उठाने जा रही है. ऐसे में सरकार ने वही कदम उठाया, जिसका लोगों के जेहन में काफी पहले से ही खौफ था.
प्रदेश सरकार ने अपने बयान में कहा कि हमारी ऐसी कोई भी मंशा नहीं थी, लेकिन वर्तमान में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए हमें ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा है. खैर, इस दौरान सरकार ने प्रदेश के लोगों को कुछ छूट भी दी है, जिसके अंतर्गत लोग अपना कुछ जरूरी काम कर सकते हैं. आइए हम आपको लॉकडाउन के दौरान सरकार के दिशानिर्देश से रूबरू कराए चलते हैं.
जरूरी सेवाओं में यथावत रहेगी छूट
बेशक, कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान सख्ती का सिलसिला जारी रहेगा, मगर इस बीच कुछ अनिवार्य कामों से जुड़े लोगों को छूट प्रदान की गई है. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मी, सुरक्षाबल समेत अन्य अनिवार्य कामों में जुटे लोगों को पाबंदियों की फेहरिस्त से बाहर रखा गया है.
वहीं, शादी समारोह में प्रदेश सरकार ने महज 20 लोगों को ही बुलाने की अनुमति दी है, मगर लोग नियमों की अवहेलना करते हुए 100 से 200 लोगों को शादी में बुला ले रहे हैं, जो कि कोरोना महामारी को और ज्यादा घातक बना दे रही है, लिहाजा यह मुनासिब रहेगा कि प्रदेशवासी संजीदगी के साथ कोरोना नियनों का पालन करें. इसी में हम सभी की भलाई है.
शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान
यहां हम आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साफ कहना है कि जब तक प्रदेश में संक्रमण के मामले कम नहीं होते हैं, तब तक सख्ती का यह सिललिला जारी रहेगा और प्रदेश में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए कही से भी संक्रमण की रफ्तार धीमी होती हुई नहीं दिख रही है. अब ऐसे में सरकार क्या कुछ फैसला लेती है. इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी.
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