विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की जानकारी के अनुसार राज्य सरकारों ने फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए आदेश लिखा है.
यूजीसी द्वारा कहा गया है कि फर्जी विश्वविद्यालय अभी भी स्नातक व स्नातकोत्तर प्रोग्राम की पढ़ाई करवा रहे हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले छात्रों की डिग्री वैध नहीं होगी. इसके लिए छात्रों को दाखिले से पहले यह देखना ज़रुरी है कि विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं. इसकी पूर्ण जानकारी यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया गया है. जिससे छात्रों के भविष्य के साथ कोई नाइंसाफ़ी ना हो.
गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय
1.राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर की पहचान महाराष्ट्र राज्य में नकली विश्वविद्यालय के रूप में की गई है.
2.भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, यूपी को यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है.
3.हालाँकि, राजस्थान में किसी भी फर्जी विश्वविद्यालयों की पहचान नहीं की गई है.
4.इसके अलावा, यूजीसी ने चालू वर्ष के दौरान महाराष्ट्र राज्य में निम्नलिखित तीन संस्थानों को कारण बताओ / चेतावनी नोटिस जारी किए हैं.
5.इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिंस एंड नेचुरल हीलिंग, अंधेरी (डब्ल्यू), मुंबई.
6.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, अंधेरी (डब्ल्यू), मुंबई.
7.भारतीय स्वास्थ्य शिक्षा और अनुसंधान बोर्ड, पुणे.
इसके लिए छात्रों को सूचित किया जाता है कि इन यूनिवर्सिटियों में दाखिला न लें, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा आदेश दिए है कि उक्त शिक्षण संस्थान में किसी भी पाठ्यक्रम के अंतर्गत डिग्री प्रदान करने या पढ़ाई करवाने पर रोक लगा दी है और इसके साथ ही डिग्री प्रोग्राम की मान्यता भी रद्द कर दी है.
यूजीसी ने 13 नवंबर 2018 को मुख्य सचिवों/शिक्षा सचिवों/प्रमुख सचिवों को संबंधित राज्य/केंद्रशासित सरकारों को इन फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजे हैं जो संबंधित राज्यों में कार्य/संचालन कर रहे हैं.
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