किसी कार्य को अगर निष्ठा पूर्वक की जाए तो उसका परिणाम जरूर सफल होता है. इस बात को कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी में कार्यरत वैज्ञानिक ई0 कीर्ति कुमारी साबित कर दिखाया है. कृषि कार्यों में उनके सराहनीय प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. ई0 कीर्ति कुमारी को खाद्य विज्ञान, पोषण विज्ञान एवं ग्रामीण विकास के किए गये शोध एवं प्रसार कार्यों के लिए प्रतिष्ठित सेवा सम्मान पुरस्कार-2019 से नवाज़ा गया है.
उनको यह पुरस्कार सोसायटी ऑफ बाइलोजिकल सांइस एण्ड रूरल डेव्लपमेंट इलाहाबाद द्वारा दिनांक 17-18 मार्च 2019 में आयोजित ‘‘कृषि, पर्यावरण एवं तकनीकि में नवीनता के लिए राष्ट्रीय संगोष्ठी पुरस्कार सम्मानित किया गया. हालांकि उनको इस तरह के पुरस्कार से पहले भी सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले उनको वर्ष 2017 में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में यंग सांइनटिस्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सम्मान प्राप्त करने के बाद कीर्ति ने हर्षोल्लास के साथ विश्वविद्यलय के कुलपति प्रो. राजेश भल्ला, वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो0 एस.के.गुप्ता, डीएम सोनिका, सीडीओ आशीष भटगांई व अन्य सहयोगी वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया व इस सम्मान को अपने गुरूजनों को समर्पित किया.
इस मौके पर कृषि जागरण के पत्रकार जिम्मी ने उनसे बातचीत की पेश है उनके मुख्य अंश:
पुरस्कार प्राप्त करके कैसा महसूस कर रही हैं ?
पुरस्कार पा कर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ. इस तरह के सम्मान से आत्मविश्वास बढ़ता है और ऐसा महसूस होता है कि आप जो कर रहे हैं उसमें सफलता जरूर हासिल होगी.
किसानों के लिए आप किस प्रकार कार्य करती हैं ?
किसानों /महिलाओं एवं ग्रामीण युवाओं को फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिए जाते हैं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों को विभिन्न केंद्रों पर या केंद्र के बहार प्रशिक्षण दिए जाते हैं साथ ही फसलों के उन्नत प्रजाति के बीजों का प्रदर्शन किया जाता है. कृषक महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाये जाते हैं तथा समूह की मासिक बैठकें आयोजित की जाती हैं व् उनकी कृषि सम्बंधित समस्याओं का निराकरण किया जाता है. वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण के प्रक्षेत्र पर भ्रमण भी किया जाता है तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के आलावा कृषक गोष्ठी, किसान मेले, रेडियो चर्चा, भी की जाती है. महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व् नवजात शिशुओं की देखभाल के बारे में बताया जाता है व् प्रदर्शनी के अंतर्गत मल्टीग्रेन आटा भी उपलब्ध किया जाता है स्वास्थ्य सुधर हेतु विभिन्न कार्यक्रम जैसे विश्व स्तन पान दिवस सप्ताह,राष्ट्रिय पोषण सप्ताह, विश्व खाद्य दिवस,आदि कार्यक्रमों को विभिन्न गांव में प्रत्येक वर्ष टिहरी जिले में आयोजन किया जाता है.
किसानों की आय दोगुनी करने में आपका क्या सहयोग है ?
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह सहकारिताओं एवं ग्रामीण युवाओं को फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जा चूका है जिनके द्वारा स्थानीय उत्पादों से गुणवत्ता युक्त मुलयवर्धित उत्पाद जैसे अचार,जैम ,जेली,स्क्वाश,आदि तैयार किया जाता है व् उनको बाजार में बेचा जाता है. महिलाओं के समूह द्वारा विभिन्न हेल्थ फूड्स जैसे आयरन लड्डू (एनीमिया ग्रस्त किशोरियों के लिए), ऊर्जा (पोषाहार 1 से 5 माह तक के शिशुओं के लिए) निर्मित किये जाते हैं जो की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा उपलब्ध किया जाता है. इसके आलावा स्थानीय फसल जैसे चौलाई,मंडुआ, सोयाबीन, आदि से मंदिरों में चढ़ावे हेतु प्रसाद बनाया जाता है व् दर्शकों को बेचा जाता है. भविष्य में किसानों के खेत के फसलों का नुक्सान न हो उसके लिए टिहरी में फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज स्थापित करना चाहती हूँ. पहाड़ों में उत्पादित होने वाले फल जैसे माल्टा, गलगल, जंगली खुबानी, प्लम ,आदि की मार्केटिंग न होने के कारन अधिक मात्रा में नुक्सान हो जाता है अतः इस नुक्सान को कम करने व कृषकों की आय दुगनी करने के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करना अति आवशयक है. साथ ही पहाड़ों में होने वाले पौष्टिक अनाज जैसे मड़ुआ, झंगोरा, चौलाई, आदि के बेहतर दाम मिलने के लिए इनका मूल्य वृद्धिकरण आवश्यक है.
देश के किसानों को क्या संदेश देना चाहेंगी ?
देश के किसान कृषि विज्ञानं केंद्र से जुड़ कर निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं तथा अपनी पारम्परिक खेती को वैज्ञानिक तरीके से कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. कृषि विज्ञानं केंद्र किसानों के हित में देशभर में बेहतर कार्य कर रहे हैं इसलिए इससे जुड़ कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें.
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