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विदर्भ में गूंजा ‘कोंडागांव मॉडल’, गोंदिया से महिला किसान सशक्तिकरण की नई पहल

गोंदिया में 'कोंडागांव मॉडल' के तहत मा दंतेश्वरी हर्बल फार्म और सुपर वूमन संस्था के बीच MoU साइन हुआ. इसका उद्देश्य महिलाओं को कृषि-उद्यमिता से जोड़ना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को बाजार से जोड़कर सशक्त बनाना है. यह पहल सामाजिक आंदोलन का रूप ले रही है.

डॉ राजाराम त्रिपाठी
Women Empowerment
'कोंडागांव मॉडल' की गूंज अब विदर्भ में, गोंदिया से महिला किसान सशक्तिकरण की नई शुरुआत

गोंदिया में किसानों और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया, जब मा दंतेश्वरी हर्बल फार्म और सुपर वूमन संस्था के बीच 'कोंडागांव मॉडल' के क्रियान्वयन हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. इस पहल का मुख्य उद्देश्य जैविक और औषधीय खेती को बढ़ावा देना, ग्रामीण महिलाओं को कृषि उद्यमिता में प्रशिक्षित करना, और किसानों को उत्पादन से लेकर बाज़ार तक सीधे जोड़ने की समग्र व्यवस्था स्थापित करना है.

यह कार्यक्रम गोंदिया के रेलटोली स्थित शासकीय विश्रामगृह में संपन्न हुआ, जिसमें मा दंतेश्वरी हर्बल फार्म के निदेशक और 'कोंडागांव मॉडल' के प्रणेता डॉ. राजाराम त्रिपाठी, सुपर वूमन संस्था की संचालिका प्राची प्रमोद गुडधे, संस्था के प्रमुख प्रमोद गुडधे, वरिष्ठ समाजसेवी प्रितेश शुक्ला और सुपर वूमन के निदेशक लक्ष्मण गुडधे उपस्थित रहे. इस अवसर पर 'कोंडागांव मॉडल' की कार्यप्रणाली, उसकी विशेषताएँ और स्थानीय परिप्रेक्ष्य में उसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा हुई.

'कोंडागांव मॉडल' डॉ. राजाराम त्रिपाठी द्वारा विकसित एक समावेशी और नवाचारी कृषि सुधार योजना है, जिसमें उत्पादन, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन के सभी चरणों में किसान की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जाती है. यह मॉडल केवल तकनीकी उन्नयन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों के सामाजिक, आर्थिक और मानसिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनता है. विशेष रूप से इसमें महिलाओं की भूमिका को केंद्रीय स्थान दिया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा और दिशा मिलती है.

गोंदिया में महिला शक्ति को मिला नया मंच, कृषि-उद्यमिता के लिए सुपर वूमन संस्था और मा दंतेश्वरी फार्म में साझेदारी
गोंदिया में महिला शक्ति को मिला नया मंच, कृषि-उद्यमिता के लिए सुपर वूमन संस्था और मा दंतेश्वरी फार्म में साझेदारी

डॉ. राजाराम त्रिपाठी स्वयं एक दूरदृष्टा कृषक, वैज्ञानिक विचारक और सामाजिक अभियंता हैं. तीन डॉक्टरेट उपाधियाँ, पाँच विषयों में एम.ए., एलएल.बी., और सौ से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार उनके अनुभव और प्रतिभा की गवाही देते हैं. उन्होंने 40 से अधिक देशों में कृषि अध्ययन यात्राएँ कर भारतीय पारंपरिक और वैज्ञानिक कृषि को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई है. उनका मानना है कि "कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि नवाचार, प्रबंधन और विज्ञान का केंद्र बिंदु है. यदि सही मार्गदर्शन और संरचना मिले, तो हर गांव समृद्ध हो सकता है."

सुपर वूमन संस्था लंबे समय से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक न्याय के विविध आयामों पर काम कर रही है. संस्था की संचालिका प्राची गुडधे ने इस साझेदारी को महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता की दिशा में मील का पत्थर बताया. उनके अनुसार, तालुका स्तर पर महिला कृषि नेतृत्व समूहों का गठन, कौशल विकास कार्यशालाएँ, ब्रांडिंग और उत्पाद विपणन की व्यवस्था तथा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना इस परियोजना के मूल घटक होंगे.

डॉ. राजाराम त्रिपाठी के 'कोंडागांव मॉडल' को गोंदिया में मिला नया विस्तार, सुपर वूमन संस्था के साथ MoU
डॉ. राजाराम त्रिपाठी के 'कोंडागांव मॉडल' को गोंदिया में मिला नया विस्तार, सुपर वूमन संस्था के साथ MoU

इस समझौते के अंतर्गत आगामी तीन वर्षों में जिले की पाँच सौ से अधिक महिला किसानों को कृषि-उद्यमिता की मुख्यधारा से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए प्रत्येक तालुका में डेमो प्लॉट स्थापित किए जाएँगे, प्रमाणन और परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सीधा जुड़ाव सुनिश्चित किया जाएगा.

यह पहल अब एक साधारण परियोजना न रहकर सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले रही है, जो ग्रामीण विकास, महिला नेतृत्व और सतत कृषि के समन्वय से उपजा है. इस सामाजिक क्रांति के सूत्रधार डॉ. त्रिपाठी का यह संदेश कार्यक्रम के समापन पर विशेष रूप से गूंजा- "अपनी ज़मीन पर विश्वास रखो, विज्ञान से प्रेम करो और महिलाओं की शक्ति को अवसर दो- प्रगति स्वयं आपके द्वार पर आएगी."

English Summary: Kondagaon Model resonates in Vidarbha new initiative for women farmer empowerment from Gondia Published on: 30 April 2025, 05:41 PM IST

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