KJ Chaupal: आज कृषि जागरण के KJ Chaupal मंच पर एएफसी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मशर वेलापुरथ (Managing Director AFC India Limited Mashar Velapurath in KJ Chupal) को आमंत्रित किया गया. कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ, एम.सी डोमिनिक ने मशर वेलापुरथ का हार्दिक स्वागत किया.
इस दौरान मशर वेलापुरथ ने एफपीओ कॉल सेंटर, कृषि जागरण और एएफसी इंडिया लिमिटेड द्वारा एक किसान-समर्थक पहल सहित कई विभिन्न कृषि चिंताओं पर चर्चा की.
मशर वेलापुरथ ने युवाओं व किसानों भाईयों के लिए नई पॉलिसी के माध्यम के कैसे कृषि क्षेत्र को विस्तारित किया जाए उस पर चर्चा की और चौपाल को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने KJ Chaupal के मंच से किसानों के लिए बनाई जाने वाले पॉलिसी के लिए आइडिया, इनोवेशन और डिसीजन मेंकिग पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने कृषि जागरण दफ्तर का भ्रमण किया और कृषि जागरण की टीम से मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि शायद एफपीओ कॉल सेंटर जल्द ही एक वास्तविकता बन जाएंगे, जिन दो संगठनों ने पहल के लिए भागीदारी की है, वे हित के एक सामान्य आधार यानी किसानों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण को साझा करते हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं. अलग-अलग काम करने के बावजूद पिछले कई वर्षों से समान प्राप्त कर रहे हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केजे चौपाल शुरू होने के बाद से शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसमें क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और आगे भी लेती रहेंगी. आइए अब आज के चौपाल में क्या खास रहा इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
मशर वेलापुरथ ने चौपाल में उपस्थित सभी कृषि जागरण के सदस्यों को धन्यवाद दिया और उनके कामों की प्रशंसा की. उन्होंने कृषि जागरण माध्यम से देशभर की अलग अलग भाषाओं में खेती से जुड़ी जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि जागरण के एडिटर एंड चीफ एम.सी डोमिनिक की सराहना की.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में हमारे प्रयासों को तभी विचारशील और महत्वपूर्ण माना जाएगा जब हम किसान चुनौतियों की विशाल श्रृंखला के बारे में स्पष्ट होंगे जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है. "एएफसी इंडिया पिछले 54 वर्षों से किसानों और कृषि उद्योग से जुड़े लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है, और शुरुआत में हमने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और नाबार्ड के साथ एक ई-कपड़े ब्रांड के रूप में अपनी यात्रा शुरू की."
उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन पिछले कुछ वर्षों से आधा दर्जन लघु सिंचाई और जल संसाधन परियोजनाओं का वित्तपोषण कर रहा है. "हम अब कई प्रत्यक्ष कार्यान्वयन कार्यक्रमों और अन्य सरकारी प्रमुख योजनाओं जैसे परम्परागत कृषि विकास योजना, भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम (बीपीकेपी) जैविक खेती परियोजना और अधिक महत्वपूर्ण रूप से किसान उत्पादक संगठन में प्रवेश कर चुके हैं.
उन्होंने कहा एफपीओ कॉल सेंटर पहल की बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल 5 राज्यों में करीब 24 केंद्र काम कर रहे हैं.
जैसे कि आप जानते हैं कि किसानों को उनकी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए आधुनिक खेती करने की आवश्यकता है. इस विषय को लेकर भी उन्होंने कहा कि अलग अलग शहरों में आधुनिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए.
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