प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में हो रहे धांधली पर लगाम लगाने के लिए अब केंद्र सरकार ने नया फैसला लिया है. बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने राशनकार्ड नंबर अनिवार्य कर दिया है.
नया नियम लागू होने के बाद पति-पत्नी में से किसी एक को ही योजना का लाभ मिलेगा.नई व्यवस्था के तहत बिना राशनकार्ड नंबर के सम्मान निधि पंजीकरण पर रोक लगा दी गई है. सरकार बढ़ती धांधली को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. ऐसे में सरकार को जनता से भी उम्मीद है की वो इसमें उनका साथ दें.
नियमों में आए बदलाव के कारण अब पंजीकरण के बाद कागजात व घोषणा पत्र की हार्ड कापी जमा करने के लिए किसानों को कृषि विभाग के कार्यालय का चक्कर भी नहीं काटना होगा. पंजीकरण के समय ही खतौनी, आधार व पासबुक की फोटो की पीडीएफ फाइल आनलाइन अपलोड करनी होगी.
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के प्रभारी उप निदेशक कृषि धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि एक अक्टूबर को मंडलीय रवि उत्पादकता गोष्ठी में भी जिलाधिकारी ने किसान सम्मान निधि के पंजीकरण शुरू कराने का प्रस्ताव रखा गया था. कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस पर अपनी सहमति जताई थी जिसके बाद अब शासन ने पंजीकरण खोल दिया है. हालांकि पंजीकरण में इस बार राशन कार्ड का नंबर अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है.
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बरेली मंडल में 55,243 लोग गैर तरीके से उठा रहे थे सम्मान निधि का लाभ
बरेली में बढ़ते भ्रष्टाचार ने सभी का ध्यान अपनी और खींच लिया. आकड़ों के मुताबिक 2,34,010 आयकरदाता, 32,393 मृतक, 3,86,250 गलत खाते, 57,987 अपात्र, 68,540 इनवैलिड आधार धारक कुल मिलाकर पूरे प्रदेश में 7,79,180 अपात्रों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा था. बरेली मंडल में 8,314 आयकरदाता, 2,189 मृतक, गलत खाते में भुगतान वाले 31,637, अपात्र 5,336, इनवैलिड आधार 7,767 कुल मिलाकर 55,243 लोग गलत तरीके से सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे.
सबसे ज्यादा बरेली जिले में 16,707, बदायूं में 15,743, पीलीभीत में 1,2817 व शाहजहांपुर में 9,976 अपात्र पाए गए हैं. इस तरह के भ्रष्टाचार को और बढ़ावा न मिल सके सरकार इस बात का पूरा ध्यान रख रही है और मामले की बारीकी से छानबीन की जा रही है.
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