मिल्क यूनियन और दूध उत्पादन कंपनियों से जुड़े डेढ़ करोड़ किसानों को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड देकर लाभ पहुंचाने का योजना बनाई है. विशेष अभियान चलाकर इन किसानों को दो महीनों में यानी (1जून से 31 जुलाई तक) किसान क्रेडिट कार्ड (kcc) बांटा जाएगा. इस विषय पर केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर सभी मिल्क फेडरेशन और मिल्क यूनियनों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के एप्लीकेशन फॉर्मेट अधिसूचित कर दिया है. इस अभियान को मिशन मोड के तहत चलाने पर फैसला किया गया है.शुरुआत करते हुए सबसे पहले चरण में किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के सदस्यों को किया जाएगा. वहीं इनमें जिनके पास यह कार्ड नहीं है उन्हें यह कार्ड तुरंत बांटा जाएगा. वहीं जिन किसानों के पास अपनी जमीन के मालिकाना के आधार पर यह कार्ड पहले से है इस योजना में उनकी क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जा सकती है. हालांकि ब्याज में छूट तीन लाख रुपये तक के क्रेडिट पर ही मिलेगा.
2.5 करोड़ और किसान Kisan Credit Card के दायरे में लाए जाएंगे.
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बिना गिरवी के 1.6 लाख रुपए है. लेकिन जो किसान सीधे मिल्क यूनियनों को सीधे तौर पर अपना दूध बेचते हैं उनको ज्यादा लाभ होगा और उनकी क्रेडिट लिमिट तीन लाख रुपए तक की जा सकती है. किसानों की क्रेडीट लिमिट बढ़ाने का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर पैकेज का हिस्सा है. 15 मई को वित्त मंत्रालय द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम के दायरे में और 2.5 करोड़ किसानों को लाने का ऐलान किया था. किसानों को इससे काफी लाभ होगा और उनके हाथ में अतिरिक्त पांच लाख करोड़ रुपये की राशि आएगी.कोरोना महामारी की वजह से देश के अर्थव्यवस्था में आई मंदी को दूर करने के लिए सरकार के द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थीक पैकैज का ऐलान किया था. इस पैकेज में कृषि और सहायक गतिविधियों, एमएसएमई समेत कई अन्य सेक्टरों के लिए सस्ते दर पर लोन की व्यवस्था की गई है. इसमें सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को भी महत्व दिया गया है और इसके लिए 3 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है. यह सेक्टर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें लगभग 11 करोड़ लोग रोज़गार से जुड़े हुए हैं.
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