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कृषि जागरण चौपाल में कौशल जयसवाल ने माइक्रो इरिगेशन सिस्टम पर कही अहम बात

केजे चौपाल (KJ Chaupal) कार्यक्रम में कृषि से जुड़े गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कामों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं.

KJ Staff
कौशल जयसवाल के साथ कृषि  के मुद्दों  पर चर्चा करते कृषि जागरण के प्रधान सम्पादक एम. सी. डोमिनिक
कौशल जयसवाल के साथ कृषि के मुद्दों पर चर्चा करते कृषि जागरण के प्रधान सम्पादक एम. सी. डोमिनिक

26 साल पहले किसानों व कृषि क्षेत्र के हित के लिए कृषि जागरण की स्थापना की गई थी. जो आज इस क्षेत्र अपनी मैग्ज़ीन, वेबसाइट और दूसरे माध्यम से काम करके इतिहास रच रहा है. कृषि जागरण मीडिया का एक ख़ास प्रोग्राम है ‘केजे चौपाल’  (KJ Chaupal). जिसमें कृषि से जुड़े गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कामों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं. 

कौशल जयसवाल
कौशल जयसवाल

इसी कड़ी में आज 23 मार्च को केजे चौपाल कार्यक्रम में रिवुलिस इरिगेशन प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर और इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट कौशल जयसवाल ने शिरकत की. कृषि जागरण के प्रधान सम्पादक एम. सी. डोमिनिक ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि मिस्टर कौशल एक ग्लोबल पर्सन हैं और इरिगेशन यानि सिंचाई के क्षेत्र में ज्ञान के धनी हैं.

कृषि जागरण के प्रधान सम्पादक एम. सी. डोमिनिक
कृषि जागरण के प्रधान सम्पादक एम. सी. डोमिनिक
कार्यक्रम को सम्बोधित करते कौशल जयसवाल
कार्यक्रम को सम्बोधित करते कौशल जयसवाल

केजे चौपाल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कौशल जयसवाल ने कहा कि, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के फ़ायदे और चुनौतियों के बारे में बात की. उन्होंने इसके लाभ गिनाते हुए कहा कि, ये न सिर्फ़ पानी बचाने में काम आएगा बल्कि किसानों की कमाई के लिहाज से भी बेहतर प्रणाली है. माइक्रो इरिगेशन के ज़रिये हम यूरिया की खपत को आधा कर सकते हैं. माइक्रो इरिगेशन से सिंचाई सिर्फ़ फ़सल की होती है न कि ज़मीन की. इससे पानी बचता है, यूरिया कम लगता है. जिससे किसानों को समय और पैसा दोनों बचता है. साथ ही सही मात्रा में इरिगेशन से फ़सल का उत्पादन भी बहुत बढ़ता है. इस प्रणाली के इस्तेमाल से सॉइल हेल्थ को बेहतर किया जा सकता है. जब आप कृषि में इस प्रणाली के ज़रिये सिंचाई करते हैं तो खरपतवार भी कम होते हैं.

रिवुलिस इरिगेशन प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर कौशल जयसवाल ने माइक्रो इरिगेशन सिस्टम की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि, इस सिस्टम के जितने फ़ायदे हैं उतने ही इसे ज़मीनी स्तर पर लागू करने में चुनौतियां. सबसे पहली चुनौती ईज़ी फ़ाइनेन्स की है. अगर ये हल हो जाए तो इसे तेज़ी से अपनाया जा सकता है. इसके लिए सब्सिडी की भी ज़रूरत नहीं होगी. हर क्षेत्र की अपनी विशेषताएं और चुनौतियां होती हैं, उसी हिसाब से इक्विप्मेंट इंस्टॉल करने की ज़रूरत है. हमें क्रॉप स्पेसिफ़िक सिस्टम की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि माइक्रो इरिगेशन सिस्टम के रास्ते में आने वाले चुनौतियों से निपटने का काम उनकी कम्पनी रिवुलिस इंडिया प्रा. लि. कर रही है. जिससे कि किसानों को उपकरण के इस्टॉल करने में किसी दिक़्क़त का सामना न करना पड़े और किसानों की हर समस्या का हल एक फ़ोन कॉल से हो जाए.

ये भी पढ़ेंः कृषि जागरण और HDFC बैंक के बीच MoU पर हस्ताक्षर, हर एक किसान तक पहुंचेगी बैंकिंग सुविधा

आख़िर में टीम फ़ोटोशूट के साथ इस ख़ास कार्यक्रम का समापन हुआ.

English Summary: Kaushal jaisawal talk about micro irrigation at Krishi Jagran KJ Chaupal Published on: 23 March 2023, 04:02 PM IST

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