किसी ने सच कहा है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र या सीमा नहीं होती है. इंसान किसी भी उम्र या समय में कुछ भी सीख सकता है और इस बात को धरातल पर लाने के लिए झारखंड सरकार ने एक पहल किया है. दरअसल, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Government) ने किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया है. इसके फैसले के तहत किसानों के लिए कृषि पाठशाला योजना शुरू की जाएगी. आइए आपको इस योजना से जुड़ी जरूरी जानकारी देते हैं.
क्या है कृषि पाठशाला योजना?
इस योजना के तहत किसानों के लिए पाठशाला स्थापित की जाएगी, जिनके जरिए किसानों को आधुनिक पद्धति से खेती-बाड़ी की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही पाठशाला के आस-पास 3 से 4 बिरसा गांव स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा किसानों के उत्पाद के रख-रखाव के लिए 5 से 10 MT का कोल्ड रूम भी तैयार किया जाएगा, जिनका संचालन सोलर पॉवर द्वारा किया जाएगा.
धरातल पर 100 कृषि पाठशाला उतारने का लक्ष्य
राज्य सरकार द्वारा अगले तीन साल में 100 कृषि पाठशाला स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस योजना के पहले चरण में 17 कृषि पाठशाला का संचालन होगा. इसके लिए 17 बीज ग्राम का चयन किया जाएगा. बता दें कि कृषि विभाग द्वारा योजना का प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है.
कृषि पाठशाला योजना का उद्देश्य
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इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि को उद्योग और जीविका के साथ-साथ संस्कृति से जोड़ने का है.
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किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है.
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किसानों की फसल आसानी से बिक पाएगी.
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आधुनिक पद्धति से खेती-बाड़ी की जानकारी दी जाएगी.
सभी जानते हैं कि देश के कई राज्यों के किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल पाता है. इसमें झारखंड के किसान भी शामिल हैं. यहां हर साल कोल्ड स्टोरेज या कोल्ड रूम न होने की वजह से संब्जियां और फल बर्बाद हो जाते हैं.
इसी समस्या के समाधान के लिए हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Government) ने अहम फैसला लिया है. इससे किसानों के अंदर एक नई उम्मीद जगी है, लेकिन इसके लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा.
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