
Meat Supply Scheme 2025:उत्तराखंड सरकार की एक नई पहल ने बॉर्डर क्षेत्र के किसानों की जिंदगी बदल दी है. राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की गई योजना से सिर्फ 5 महीनों में 253 किसानों ने मटन, चिकन और मछली बेचकर 2.6 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. यह योजना अक्टूबर 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य था कि बॉर्डर से सटे जिलों के किसान अपने उत्पाद सीधे इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) को बेच सकें. पहले ITBP को मीट सप्लाई के लिए बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब यह काम स्थानीय किसानों से सीधे हो रहा है.
आइए सरकार की इस योजना से जुड़ी हर एक जानकारी यहां जानते हैं.
किसानों को मिल रहा बड़ा फायदा
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसानों को अब अपने पशु उत्पाद मंडियों में बेचने की जरूरत नहीं है. वे सीधे ITBP के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं और तय कीमत पर माल बेच सकते हैं. इसके लिए उन्हें सहकारी समितियों या FPOs के माध्यम से जोड़ा जा रहा है.
MOU पर हुआ था समझौता
30 अक्टूबर 2024 को उत्तराखंड के पशुपालन विभाग और ITBP के बीच एक समझौता (MOU) साइन हुआ था. इस समझौते के बाद चार जिलों — पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और चंपावत — के 253 किसान इस योजना से जुड़े. इन किसानों ने अब तक:
- मटन: 42,748 किलो
- चिकन: 29,407 किलो
- ट्राउट फिश: 7,334 किलो
की सप्लाई की है. कुल 79,530 किलो मीट की बिक्री से किसानों को 2.6 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है.
ITBP मिर्थी पोस्ट पर की गई 1145 किलो MOH की सप्लाई। pic.twitter.com/XNqNnAQQ2h
— Department of Animal Husbandry, Dairy & Fisheries (@pashudhanUK) April 9, 2025
योजना से दोहरा फायदा
- किसानों की आमदनी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
- पलायन की समस्या पर भी असर पड़ा है, क्योंकि अब लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल रहा है.
- ITBP को भी ताजा और गुणवत्तापूर्ण मीट आसानी से मिल रहा है.
इस तरह जुड़ सकते हैं किसान
इस योजना से जुड़ने के लिए पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और चंपावत जिलों के किसान पशुपालन विभाग, सहकारी समितियों या FPOs से संपर्क कर सकते हैं. अभी 10 सहकारी समितियों और FPOs के जरिए किसानों को जोड़ा गया है. पैसे का भुगतान डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के जरिए किया जा रहा है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है.
सरकार और ITBP की बड़ी उम्मीदें
पशुपालन विभाग को उम्मीद है कि इस योजना के तहत साल 2025 में किसानों को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है. वहीं ITBP को सालभर में 20 मीट्रिक टन से ज्यादा ताजा मीट की सप्लाई मिलने की उम्मीद है. ‘मुख्यमंत्री धामी ने योजना’ की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, "यह योजना किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है और राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है."
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