कहीं कोरोना का कहर सिर चढ़कर बोल रहा है, तो कहीं नाइट कर्फ्यू का सिलसिला शुरू हो चुका है, तो कहीं संपूर्ण लॉकडाउन तो कहीं साप्ताहिक लॉकडाउन शुरू हो चुका है. यह सब कुछ इसलिए किया जा रहा है, ताकि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर पर ब्रेक लगाई जा सके, चूंकि पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से अपने चरम पर पहुंचते जा रहे हैं.
आलम यह है कि अब लोगों के जेहन में फिर से संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर सवालों और जवाबों के बीच जंग शुरू हो चुकी है, लेकिन बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बैठक में साफ कर दिया था कि उनकी अब देश में फिर से लॉकडाउन लगाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि मौजूदा वक्त में हमारे पास कोरोना को मात देने के लिए पूरे लावलश्कर मौजूद हैं, लेकिन इस बीच एक सवाल बहुत तेजी से उठ रहा है और वह यह है कि क्या देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया जाएगा? क्या कोरोना के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए फिर लोगों की आवाजाही पर विराम लग जाएगा?
वहीं लोगों के जेहन में उठते इन सभी सवालों को मद्देनजर रखते हुए रेलवे बोर्ड ने साफ कर दिया है कि बेशक, हम इस बात से भलीभांति परीचित हैं कि कोरोना के मामले लगातार बढते जा रहे हैं, लेकिन हमारी ट्रेनों को रद्द करने की कोई योजना नहीं है. ट्रेनों का आवागमन यथावत जारी रहेगा. वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीता शर्मा ने कहा कि जो लोग ट्रेने से सफर करने की योजना बना रहे हैं, उन सभी लोगों के लिए ट्रेनों की कोई कमी नहीं हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कोरोना से बचाव हेतु निर्धारित किए गए नियमों का पालन जरूर करें.
नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर कही ये बात
उधर, अभी हाल में इस तरह की खबर सामने आ रही थी कि अब रेलवे ने यात्रा करने के लिए अपनी नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन सुनिता शर्मा नें अपने दिए बयान में साफ कह दिया कि रेलवे की तरफ से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है. खैर, अगर ऐसा कोई भी फैसला लिया गया, तो इसकी सूचना फौरन आम जनता को प्रेषित की जाएगी.
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