अंतरराष्ट्रीय एप्पल फेस्टिवल के बाद अब राज्य के अन्य उत्पादों की ब्रांडिंग के मकसद से भी फेस्टिवल की श्रृंखला शुरू की जा रही है. इस कड़ी में हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में 18 से 20 अक्टूबर तक मशकॉन इंटरनेशनल मशरूम फेस्टिवल 2021 की शुरुआत हो चुकी है.
इस कार्यक्रम को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संबोधित किया. बता दें कि मशकॉन 2021, इंटरनेशनल मशरूम फेस्टिवल हरिद्वार का सबसे अनोखा त्योहार माना जाता है. इस अंतर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सव को भारत के एक अनोखे त्योहार के रूप में उत्तराखंड के हरिद्वार में मनाया जाता है.
मशकॉन 2021, इंटरनेशनल मशरूम फेस्टिवल
आपको बता दें कि इस फेस्टिवल के दौरान मशरूम के बारे में एक डिश के तौर पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही खाना पकाने और दवा में मशरूम के उपयोग पर भी चर्चा की जाएगी.
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य मशरूम और इसके लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है. इसके अलावा उत्तराखंड में मशरूम की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने में रुचि पैदा करना है. इस महोत्सव में उल्लेखनीय वक्ताओं को मशरूम और संबंधित गतिविधियों पर संबोधित करने के लिए आमंत्रित भी किया गया है.
इस महोत्सव में प्रतिभागियों को सिखाया जाएगा कि मशरूम और जंगली खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत विविधता की पहचान कैसे करें, जिनमें से कुछ अद्वितीय मशरूम प्रजातियां हैं. इस कार्यक्रम में मसालेदार और सूखे मशरूम भी शामिल होंगे. इस महोत्सव के दौरान 3 दिनों तक हॉल में कलाकारों और प्रकृति प्रेमियों का प्रदर्शन होगा. इसमें बताया जाएगा कि मशरूम क्यों खाना चाहिए? इस महोत्सव में पड़ोसी राज्यों के किसानों के साथ-साथ उनके लिए काम करने वाले एक मॉडलिंग संगठन कृषि जकरान समूह ने भी भाग लिया.
क्या है इस त्योहार की खास बात
महिलाएं इस मशरूम व्यवसाय को उत्सुकता से मनाती हैं. बता दें कि इस महोत्सव में पहुंची कृषि जागरण की टीम ने उनसे इस व्यवसाय के बारे में विस्तार से बात की और जाना कि इस व्यवसाय को कैसे करना है.
इसे प्राकृतिक रूप से कैसे करना है, इसमें किस प्रकार का उर्वरक इस्तेमाल किया जाता है और इसके लिए सही मौसम क्या है आदि. यानि मशरूम सेहत के लिए भी काफी लाभकारी है और खेती के लिए भी बहुत फायदेमंद है.
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