आवश्यकता अविष्कार की जननी है. यह बात सुनने में जितनी अच्छी लगती है, उतनी ही सच्ची भी है. भारत आत्मनिर्भरता की और अग्रसर हो रहा है. हाल ही में जो तथ्य हमारे सामने आये हैं, से यह पूरी तरह से सुनिश्चित हुआ है कि हमारा देश नवाचार कि दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है. दरअसल भारत ने पेटेंट, कॉपीराइट के मामले में अपने को 81 वें पायदान से 48 वें स्थान को पा लिया है.
गौरतलब है कि भारत में पिछले 5-6 साल में पेटेंट, कॉपीराइट में तेज बढ़ोतरी भी देखने को मिली है. पेटेंट आवंटनों की संख्या 2015-16 के 6,326 से बढ़कर 2020-21 में 28,391 हो गई, जबकि ट्रेड मार्क्स पंजीकरणों की संख्या 2015-16 के 65,045 से बढ़कर 2020-21 में 2,55,993 हो गई. इसी प्रकार, 2015-16 में 4,505 कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वित्त वर्ष में 16,402 कॉपीराइट दिए गए थे. इन घटनाक्रमों से वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार देखने को मिला. भारत 2020 में इस सूचकांक में 33 पायदान चढ़कर 48वें पायदान पर पहुंच गया, जबकि 2015-16 में यह 81वें पायदान पर था.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने पेटेंट, डिजाइन, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के परीक्षण व उन्हें प्रदान करने में हुए सुधारों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत को एक नवाचार हब के रूप में विकसित करने में अभी लंबा सफर तय करना होगा. केंद्रीय मंत्री ने कल मुंबई में पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के कामकाज की समीक्षा की. साथ ही एक मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार बुनियादी ढांचे के निर्माण के तरीकों पर विचार-विमर्श किया.
गोयल ने पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क, जीआई (जिओग्राफिकल इंडिकेशन) प्रणालियों के इको-सिस्टम को बढ़ावा देने; देश में नवाचार, शोध एवं विकास को प्रोत्साहन देने और भारत की विरासत से जुड़ी नई खोज और ज्ञान को वैश्विक मंच पर लाने की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से खुद इस क्षेत्र में हो रहे विकास की निगरानी कर रहे हैं. गोयल ने सीजीपीडीटी द्वारा आवेदनों के त्वरित निस्तारण के बारे में बात करते हुए कहा, “आईपीआर विभाग में लंबित कार्यों में तेजी से कमी आई है. यह भी फैसला लिया गया है कि किसी भी लंबित आवेदन को महीनों में नहीं, दिनों में निस्तारित करना चाहिए.”
गोयल ने देश में स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों को सहायता व समर्थन देने के क्रम में विभाग द्वारा शुल्क में कमी का भी उल्लेख किया. स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों के लिए फाइलिंग शुल्क 80 प्रतिशत तक घट गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है. शुरू से अंत तक हर आवेदन को अब ऑनलाइन प्रोसेस किया जा रहा है, सुनवाई फोन पर हो रही हैं, लोग अब पेटेंट कार्यालय के चक्कर नहीं काटना चाहते हैं.
गोयल ने पूरी प्रक्रिया को ज्यादा आसान बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने जीआई टैग और उसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का आह्वान किया. उन्होंने बौद्धिक संपदा कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था के साथ ही पेटेंट जांच प्रक्रिया में सहायता के लिए अंशकालिक आधार पर प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षकों को जोड़ने पर विचार करने के लिए भी कहा है.
सीजीपीडीटी के अधिकारियों ने आईपी प्रक्रिया के सरलीकरण और पहले की तुलना में व्यवस्थित करने व फाइलिंग व सेवाओं को सुगम बनाने को प्रोत्साहन देने के लिए निस्तारण की नई समयसीमा और डिजिटल मोड पर स्थानांतरण सहित पूरी प्रक्रिया में बदलाव के बारे में भी बताया. उदाहरण के लिए, ट्रेड मार्क नियमों के तहत 74 प्रपत्रों के स्थान पर 8 समेकित प्रपत्र लागू कर दिए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विशेष रूप से स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों आदि द्वारा जमा आवेदनों के लिए पेटेंट की जांच में तेजी लाई जा रही है. उठाए गए कदमों के प्रभाव के आकलन में यह देखने में आया है कि ई-फाइलिंग 30 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है.
पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) कार्यालय मुंबई में स्थित है. यह उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अंतर्गत कार्य करता है. महानियंत्रक पेटेंट अधिनियम, 1970, डिजाइन अधिनियम, 2000 और ट्रेड मार्क्स अधिनियम, 1999 के कामकाज की निगरानी करते हैं. साथ ही इन विषयों से जुड़े मसलों पर सरकार को परामर्श देते हैं. ‘पेटेंट कार्यालय’ का मुख्यालय कोलकाता में है, ‘ट्रेड मार्क रजिस्ट्री’ मुंबई में है और ‘जीआई रजिस्ट्री’ चेन्नई में है. ‘पेटेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम’ (पीआईएस) और ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी मैनेजमेंट’ (एनआईआईपीएम) के कार्यालय नागपुर में हैं.
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