आम भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय फल माना जाता है, इसलिए आम को फलों का राजा भी कहते हैं. इसकी खेती पूरे भारत में होती है. भारत में आम की लगभग 1500 किस्में पाई जाती हैं, जो अपने स्वाद, रंग और आकार की खासियत के लिए जानी जाती हैं
आम की एक ऐसी किस्म रटौल भी है, जिसकी खेती पश्चिमी यूपी के क्षेत्र में होती है. इस किस्म के आम स्वाद और गुणों की वजह से काफी लोकप्रिय हैं. इस किस्म का नाम रटौल आम है, जिसे उत्तर प्रदेश के बागपत में उगाया जाता है. रटौल आम की इन्हीं खासियत की वजह से जीआई टैग (GI Tag) से सम्मानित किया गया है.
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बता दें कि रटौल आम को वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है.
क्या है जीआई टैग? (What is GI Tag?)
GI टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग, जो एक प्रकार का लेबल होता है. इसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है. उस प्रोडक्ट की विशेषता या फिर नाम खासतौर से प्रकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है.
जीआई-टैग वाले लोकप्रिय भारतीय उत्पाद (Popular Indian Products with GI-Tag)
भारत के कई उत्पादों को जीआई-टैग मिल चुका है. जैसे बासमती चावल, मैसूर रेशम, मधुबनी पेंटिंग, जयपुर ब्लू पॉटरी, गोअन फानी, हैदराबादी हलीम, नागा मिर्चा, नागपुर नारंगी, मेरठ कैंची, अल्फांसो, कोणार्क स्टोन नक्काशी, मछलीपट्टनम कलमकारी आदि. इसके साथ ही कोटा डोरिया, फुलकारी, सिक्किम बड़ी इलायची, मकराना मार्बल, वेंगुर्ला काजू, पेथापुर प्रिंटिंग ब्लॉक, और कई अन्य भी शामिल हैं.
किसानों के लिए यह किस्म होगी फायदेमंद (This Variety Will Be Beneficial For Farmers)
अगर किसी उत्पादन को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग प्रमाणित कर दिया जाता है, तो इसका मतलब यह है कि वो किस्म सबसे ख़ास है और अच्छी गुणवत्ता की है. बता दें कि रटौला आम के गुणों की वजह काफी मांग भी बढ़ जाती है. इसका निर्यात भी देश और विदेशों मे शुरू शुरू कर दिया गया है. किसानों को इस किस्म से काफी अच्छा मुनाफा भी प्राप्त होगा. किसान इसके निर्यात से अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
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