अमेरिका का कुबूलनामा: 'भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का पेट भरते हैं ‘भारतीय किसान’
यकीन मानिए...हमारी इस खास रिपोर्ट को पढ़कर आपका दिल गदगद हो जाएगा. कभी पूरी दुनिया में अपनी बदहाली के लिए विख्यात रहने वाले हमारे किसान भाई अब पूरी दुनिया की उम्मीदें बनकर उभर रहे हैं. कभी खुद अभावों और गुरबत में जीने वाले हमारे किसान भाई अब दूसरों के अभावों की पूर्ति करने की क्षमता अपने अंदर समेट रहे हैं.
यकीन मानिए...हमारी इस खास रिपोर्ट को पढ़कर आपका दिल गदगद हो जाएगा. कभी पूरी दुनिया में अपनी बदहाली के लिए विख्यात रहने वाले हमारे किसान भाई अब पूरी दुनिया की उम्मीदें बनकर उभर रहे हैं. कभी खुद अभावों और गुरबत में जीने वाले हमारे किसान भाई अब दूसरों के अभावों की पूर्ति करने की क्षमता अपने अंदर समेट रहे हैं. बेशक, इस बात को कतई खारिज नहीं किया जा सकता है कि अभी हमारे किसानों को और समृद्ध होने की जरूरत है, लेकिन इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि अब हमारे किसान भाइयों की बदहाली आहिस्ता-आहिस्ता गुजरे जमाने की इबारत बनती जा रही है.
Related Links
आज का ताज़ा कृषि समाचार -Today's latest agriculture news, किसानों के लिए जानकारी(information for farmers) और कृषि क्षेत्र की बड़ी ख़बरें - big news of agriculture.…
वैसे तो भारत और अमेरिका के बीच बेशुमार फर्क है, लेकिन हम आपको अपनी इस आर्टिकल में भारत और अमेरिका के किसानों के बीच के फर्क के बारे में बताने…
अब तो भारतीय किसान 'वैश्विक अन्नदाता' बनकर उभर रहे हैं. पूरी दुनिया की उम्मीदें अब अगर किसी पर टिकी हुई हैं, तो वो भारतीय किसान हैं. मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया में गेहूं की कमी को पूरा करने के लिए भारत इस वर्ष 20 लाख टन गेहूं निर्यात कर सकता है. अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) इससे पहले 2019-20 में भारत ने महज 5 लाख गेहूं का निर्यात किया था, लेकिन आज आप देख सकते है कि यह आंकड़ा 15 लाख अधिक हो चुका है. हालांकि, भारत में गेहूं का बकाया स्टॉक 247 लाख टन था.
एक नजर यूएसडीए के आंकड़ों पर
वहीं, अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, विगत दिनों भारत द्वारा निर्यात किए जा रहे गेहूं की मात्रा में 2 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है. वैश्विक आपूर्ति 350 लाख टन से बढ़कर 107.71 लाख टन था. इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गेहूं की वैश्विक खपत में भी बढ़ोतरी हुई है.
इस वजह से बढ़ रही गेहूं की मांग
इसके साथ ही वैश्विक स्तर के परिदृश्य पर अगर गौर फरमाएं तो गेहूं की मांग के बढ़ने की मुख्य वजह चीन को माना जा रहा है, चूंकी चीन की तरफ गेहूं की मांग में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.
वहीं, वैश्विक निर्यात के साथ-साथ भारत अपनी घरेलू जरूरतों की पूर्ति करने में जुटा हुआ है. भारत इसे लेकर संतुलन की स्थिति में आना चाहता है, जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि वैश्विक जरूरतों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों को भी पूरा किया जा सके. इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार 1 अप्रैल 2021 से गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. वहीं, हरियाणा सरकार ने इस बार 80 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खऱीद का लक्ष्य निर्धारित किया है.
English Summary: Indian farmers are going to fulfill the world grain needPublished on: 12 March 2021, 05:58 PM IST
Share your comments