इस बार दुनिया के कई देशों में गेहूं का उत्पादन कम हुआ है, जिसकी वजह से भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी है. कई देश गेहूं की आपूर्ति करने हेतु भारत द्वारा निर्यात किए जा रहे गेहूं पर ही आश्रित हैं. वहीं, इसके विपरीत भारत में अधिक मात्रा में गेहूं का उत्पादन हुआ है, जिसकी वजह से भारत विश्व स्तर पर गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरकर सामने आ रहा है.
उधर, विश्व स्तर पर बढ़ी गेहूं की मांग की वजह से अब इसकी कीमत में भी इजाफा हो रहा है, जिससे यहां के गेहूं उत्पादकों को अच्छा मुनाफा कमाने के लिए एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है. हालांकि, हर बार भारत विश्व स्तर पर गेहूं का निर्यात करता है, लेकिन इस बार काफी ज्यादा मात्रा में भारत की तरफ से गेहूं का निर्यात किया जा रहा है. इस लेख में आंकड़ों के साथ पढ़ें कि भारत द्वारा कितनी मात्रा में गेहूं का निर्यात अन्य देशों को किया जा रहा है.
ओलम एग्री इंडिया के उपाध्यक्ष नितिन त्यागी के अनुसार इस वित्त वर्ष में २५ से ३० लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा सकता है. अब तक भारत की तरफ से विश्व बाजार में १.५ मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है. इस बार विश्व के कई देशों में गेहूं का कम उत्पादन हुआ है, जिसकी वजह से विश्व बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी है.
वहीं, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान गेहूं का निर्यात १.१ मिलियन टन हो चुका है. इसका मूल्य 2,142 करोड़ रुपये था. एक साल पहले इसी अवधि के दौरान, निर्यात 0.11 मिलियन टन था और इस निर्यात की कीमत 234 करोड़ रुपये थी.
पिछले वर्ष कितना हुआ था निर्यात
वहीं, जिस तरह विश्व स्तर पर भारतीय गेहूं की मांग में इजाफ़ा हुआ है, उसे ध्यान में रखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि इस बार पिछले साल का भी रिकॉर्ड टूट सकता है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2014-15 में सबसे अधिक २.९ मिलयन गेहूं का निर्यात किया गया था. अब इस वर्ष भारत विश्व बाजार में इस बार कितनी मात्रा में गेहूं का निर्यात करता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
इन देशों को निर्यात किया जा रहा है गेहूं
पश्चिम एशिया के देशों को गेहूं का सर्वाधिक मात्रा में निर्यात किया जा रहा है, जिसमें इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर समेत कई देश शामिल हैं. माना जा रहा है कि इससे विश्व के कई देशों से भारत के ताल्लुकात मजबूत होंगे.
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