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आने वाले हफ्ते में सभी किसान जरूर पूरा कर लें ये अहम काम, लेट होते ही पड़ेगा पछताना!

कृषि में मौसम व फसलों के लिए सीजन बदलते रहते हैं. ऐसे में उन्हें सही सलाह और जानकारी होनी बेहद जरूरी है जिसके लिए उन्हें एग्रोमेट एडवाइजरी को ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि भविष्य में उनकी फसलों को कोई क्षति ना पहुंचे और आर्थिक नुकसान भी ना हो.

रुक्मणी चौरसिया
West Bengal Agromet Advisory for Farmer
West Bengal Agromet Advisory for Farmer

किसानों को सही जानकारी और सलाह देने के लिए कृषि जागरण अक्सर राज्यों के मुताबिक एग्रोमेट एडवाइजरी (West Bengal Agromet Advisory) लेकर आता रहता है. इसी संदर्भ में आज पश्चिम बंगाल राज्य के किसानों के लिए एडवाइजरी लेकर हाज़िर हैं जिसमें आने वाले हफ्ते में कृषि कार्यों की पूर्ण जानकारी प्रदान की गई है.

धान (Paddy)

खेत को दो बार जुताई के साथ जल्दी से तैयार करें और समतल करने के बाद 25-30 दिन पुराने या उससे अधिक पुराने (40-45 दिन) अंकुरों की रोपाई करें.  पिछले कुछ दिनों के वर्षा जल का उपयोग करके जल्द से जल्द रोपाई की जानी चाहिए.

40-45 दिन पुरानी बिजाई के मामले में प्रति पहाड़ी 3-4 पौधे रोपे जा सकते हैं और मुख्य खेत में 15 से 20% अतिरिक्त एन-उर्वरक लगाया जा सकता है.

धान के खेत में खरपतवार की वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए किसान रोपाई के तुरंत बाद प्रीटिलाक्लोर को पूर्व-उद्भव शाकनाशी के रूप में लगा सकते हैं.

Zn की कमी के मामले मेंआप खेत की तैयारी के समय या पहली टॉपड्रेसिंग के रूप में ZnSO4 (10 किग्रा प्रति एकड़) और सल्फर (4 किग्रा प्रति एकड़) लगा सकते हैं.

जूट (Jute)

पिछले कुछ दिनों से बारिश के पानी का सदुपयोग करना जारी रखें.

रेटिंग के समय को कम करने और जूट फाइबर की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए क्रिजाफ-सोना पाउडर को रेटिंग के समय जोड़ा जा सकता है.

1 हेक्टेयर भूमि (500-600 बंडल) से जूट की कटाई के लिए 30 किलो पाउडर पर्याप्त है.

दूसरी रेटिंग के समय प्रति हेक्टेयर 15 किलो पाउडर पर्याप्त होता है.

तीसरे रेटिंग के लिए रेटिंग तालाब में पाउडर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है.

बैंगन (Eggplant)

बैंगन के फल और प्ररोह बेधक को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले संक्रमित फल और अंकुर भाग को नष्ट कर दें. फिर इसके पौधों में स्पिनोसैड या कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड दिया जा सकता है.

पशु (Livestock)

बारिश के मौसम में पैर और मुंह की बीमारी बहुत आम है. इससे बचने के लिए शेड को साफ और सूखा रखें और ब्लीचिंग पाउडर से शेड को कीटाणुरहित करें. ध्यान रखें उन्हें इस मौसम में सूखा खाना ही खिलाएं और इन्हें जलमग्न खेत में चरने न दें.

किसानों को पशुओं के पैर और मुंह की बीमारी (एफएमडी टीकाकरण) व ब्लैक क्वार्टर रोग (बीसी टीकाकरण) आदि के लिए इनका टीकाकरण करने की सलाह दी जाती है.

दूध उत्पादन बढ़ाने और मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए पशु आहार के साथ पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज मिश्रण प्रदान करें.

जरूरी सलाह (General Advice)

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिकअधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक और न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा कम रहने की संभावना है.

पिछले एक महीने में वर्षा कम थी और हल्की से मध्यम शुष्क स्थिति बनी रही लेकिन आने वाले सप्ताह में सामान्य बारिश होने की संभावना है.

पकी हुई फसल को काट कर तुरंत स्टोर कर लें.

फसल के खेत और नर्सरी के खेतों में उचित जल निकासी बनाए रखें.

मुख्य धान के खेत में वर्षा जल का संरक्षण करें और धान की रोपाई का कार्य पूरा करें.

बरसात की स्थिति में खेतों में सिंचाईकीटनाशकों या उर्वरकों का प्रयोग न करें.

मध्यम दूरी के मौसम पूर्वानुमान और मौसम आधारित कृषि परामर्श के लिए मेघदूत ऐप (MEGHDOOT APP) का उपयोग करें,

वर्षा प्रकाश चेतावनी के दामिनी ऐप (DAMINI APP) का इस्तेमाल करें.

English Summary: In the coming week, all the farmers must complete this important work, will have to repent as soon as they are late! Published on: 28 August 2022, 02:08 PM IST

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