हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल राज्य के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर के मुताबिक, राज्य में पहले चरण में 13 किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organizations) बनाए जाएंगे. हर एफपीओ (FPO) के साथ कम के कम 100 किसानों को जोड़ा जाएगा. इसमें एक फसल को प्राथमिकता दी जाएगी. कृषि मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफपीओ (FPO ) के जरिए कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने का लक्ष्य बनाया है. इसके तहत राज्य के हर जिले के किसानों को लाभ दिया जाएगा. इसे एक जिला-एक उत्पाद का नाम दिया गया है.
नाबार्ड को दी जिम्मेदारी
इसके लिए नाबार्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जो कि किसानों को अपने उत्पाद की वैल्यू एडिशन के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में आलू, सिरमौर में अदरक, लहुसन, हमीरपुर और कांगड़ा में मक्का को मुख्य फसल माना जाता है. इसके अलावा बिलासपुर जिला में हल्दी, शिमला व किन्नौर में सेब और लाहौल में आलू मुख्य फसल है.
इस तरह एफपीओ (FPO) के जरिए किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर भाव मिल पाएगा. राज्य में एफपीओ बनने के बाद वैल्यू एडिशन के लिए जो प्रोजेक्ट्स लगेंगे, उससे लगभग 1200 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इसके लिए जल्द ही एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. इससे किसानों को सही जानकारी मिल पाएगी. राहत की बात यह है कि किसानों को अपना उत्पाद बेचने की पूरी आजादी होगी, साथ ही बिचौलियों से मुक्त होंगे. इस तरह किसानों को कृषि कार्य के एक प्रभावी सिस्टम का हिस्सा बनने का मौका मिल पाएगा.
किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, साथ ही उन्हें खेती-बाड़ी की नई तकनीकों से जुड़ी जानकारी मिल पाएगी. बता दें कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए कृषि सुधार कानून भी पास कराए गए हैं. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो पाएगा.
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