भारत के कृषि वैज्ञानिक द्वारा किसानों को समय-समय नई तकनीक से रूबरू कराया जाता है, ताकि किसान आधुनिक तकनीक से खेती कर मुनाफा कमा सकें.
मगर हर किसान की एक मुख्य समस्या है कि वह अपने खेतों और फसलों की रखवाली किस तरह करें. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) द्वारा किसानों की इसी समस्या का समाधान किया जा रहा है. दरअसल, आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने किसानों को एक बहुत ही खास तोहफा दिया है. इसके तहत किसानों के खेतों की रखवाली की बड़ी समस्या दूर की जाएगी.
रोबोट करेगा खेतों की रखवाली (Robot will guard the fields)
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा खेतों की रखवाली के लिए रोबोट तैयार किया जा रहा है. इसका ट्रायल आलू के खेत पर करने की तैयारी चल रही है. फिलाहल, इस तकनीक पर काम जारी है. अगर इसका परिणाम अच्छा आया, तो अक्टूबर में सबसे पहले आलू के खेत में परीक्षण के लिए रोबोट उतारा जाएगा.
बता दें कि आईआईटी के विशेषज्ञों द्वारा सीएसए के विशेषज्ञों से खेत और फसल की संपूर्ण जानकारी साझा की गई है, जिसके बाद ही रोबोट तैयार किया जा रहा है.
रोबोट की खासियत (Features of Robot)
इस रोबोट में कैमरे लगाए गए हैं, तो वहीं कई तरह के सेंसर, एलईडी-एलडीआर, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस का प्रयोग किया गया है.
खेतों और फसलों की निगरानी करने वाले रोबोट पर लगभग 2 साल से काम किया जा रहा है. इसकी मदद से फसल की फोटो और वीडियो ली जाएगी. यह रोबोट मौके पर ही रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन जारी कर देगा.
रोबोट ऐसे करेगा खेतों की रखवाली (The robot will guard the fields like this)
इसका डिजाइन छोटे बच्चे की तरह है, जो खेतों की मेड़ और क्वारियों पर आसानी से जा सकेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें फल और फली को तोड़ने वाली तकनीक को भी इंस्टाल किया जा रहा है.
रोबोट में डाटा किया जाएगा इंस्टाल (Data will be installed in the robot)
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कई तरह की फसलों के डाटा को सुरक्षित रख लिया है, जिसमें फसलों के तैयार होने का समय, मिट्टी की गुणवत्ता, खाद, सोडियम, पोटेशियम, फासफोरस रोग, कीट, खाद, समेत अन्य तत्वों की मात्रा शामिल है.
इस डाटा को रोबोट में इंस्टाल किया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि केवीके (KVK) की मदद से किसानों तक रोबोट की तकनीक को पहुंचाया जाएगा. इस तरह किसानों की खेती-बाड़ी में अच्छी मदद होगी. जानकारी के लिए बता दें कि आईआईटी कानपुर द्ववारा किसानों के लिए समय-समय पर नई तकनीक विकसित की जाती हैं.
(कृषि क्षेत्र से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर विजिट करें.)
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