केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक वर्चुअल समारोह में राजस्थान के जोधपुर में स्थित काजरी कृषि संस्था का पांचवा प्रादेशिक अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन किया. इस अनुसंधान का भवन केन्द्र लेह- लदाख में स्थित है. यह केन्द्र लगभग 7 हेक्टेयर में फैला हुआ है. यह अनुसंधान भवन पशुपालन के लगातार विकास और अनुसंधान की गतिविधियों के लिए पूरी तरह समर्पित होगा. यहाँ के मौसम, परिस्थिति, पेड़-पौधे और पशुओं के हिसाब से शोध किए जाएंगे. इस शीत मरुस्थल को ध्यान में रखते हुए इसके विभिन्न आयामों या क्षेत्रों पर अनुसंधान और विकास आईसीएआर (ICAR) के द्वारा किए जाएंगे.
वर्चुअल उद्घाटन में उपस्थित हुए कृषि मंत्री और अधिकारी (Ministers and officials present at the virtual opening)
इस मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, सांसद जेटी नमग्याल, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र, काजरी संस्था निदेशक डॉ ओपी यादव, अतिरिक्त सचिव डेयर एवं आईसीआर के सचिव संजय सिंह, आईसीआर के उप महानिदेशक एसके चौधरी, आईसीएआर के उपमहानिदेशक डॉ आरसी अग्रवाल वर्चुअल समारोह में उपस्थित थे.
बर्फीले रेगिस्तान में होंगे ये कार्य (These tasks will be done in the Cold Desert)
लेह लद्दाख में कृषि विकास के लिए पर पूरी तरह से खेती बाड़ी, कृषि बागवानी, कृषि वानिकी और स्थानीय पशुपालन पर समर्पित होगा जिसमें अनुसंधान के साथ साथ यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों को डेटा बेस भी इकट्ठा करेगा. यह संस्थान किसानों और स्थानीय लोगों को कृषि बागवानी, कृषि वानिकी और पशुपालन में लाभकारी व्यवसाय की शुरुआत करने में भी मदद करेगा.
कृषि मंत्री ने उद्घाटन के मौके पर क्या कहा (What did the Agriculture Minister say at the inauguration)
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अथक प्रयास की सराहना की और कहा कि “आईसीआर द्वारा किए गए कार्यक्रमों के माध्यम से इस क्षेत्र के दूरदराज के गांवों को लाभ मिलेगा. लेह लद्दाख स्थित काजरी का यह अनुसंधान केंद्र बड़ी संख्या में गांवों एवं किसानों तक पहुंच बनाने में सफल रहेगा.”
पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि “आईसीआर काजरी ने लेह में एक उत्कृष्ट अनुसंधान और विकास की सुविधा विकसित की है. नवीन शोध से इस क्षेत्र के निवासियों को कृषि, पशुपालन क्षेत्र में सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने में सहायता प्राप्त होगी, जिससे इस क्षेत्र के विकास के साथ-साथ यहां के निवासियों को भी रोजगार मिलेगा एवं कृषि व्यवसाय से लाभ प्राप्त होगा.”
लेह लद्दाख के सांसद जेटी नमग्याल ने प्रदेश में स्थित इस कृषि अनुसंधान की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत सरकार, आईसीएआर और काजरी को धन्यवाद दिया तथा उन्होंने कहा कि “यहां का परिस्थिति तंत्र बहुत नाजुक है और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं.”
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