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गेहूं की कटाई करने वाले किसानों के लिए पूसा वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, जानें किन बातों का रखें ध्यान

IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह ने गेहूं के किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी कर दी है. ताकि वह अप्रैल के महीने में किस समय और कैसे गेहूं की कटाई करें. ताकि देश के किसानों को गेहूं की फसल से अच्छा लाभ प्राप्त हो सके.

लोकेश निरवाल
गेहूं की कटाई के लिए IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक ने जारी की जरूरी सलाह
गेहूं की कटाई के लिए IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक ने जारी की जरूरी सलाह

IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा गेहूं की कटाई को लेकर जरूरी सलाह जारी की गई है. ताकि किसानों को गेहूं की कटाई से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके. बता दें कि पूसा वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि देश के किसानों को इस समय यानी अप्रैल महीने के दौरान गेहूं की फसल के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. ताकि पैदावार व गेहूं का बीज उत्पादन सही से किया जा सके.

जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि इन दिनों में गेहूं की कटाई का समय चल रहा है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि किसानों को किस समय और कैसे गेहूं की कटाई करनी चाहिए. इन सब बातों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

गेहूं की कटाई के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

पूसा के डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं की कटाई का सही समय सुबह का सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसके अलावा किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना है कि अगर कटाई हाथ से की जाती है, तो फसल के बंडल को 3 से 4 दिन खेत में छोड़ देना चाहिए. ताकि सूखने के बाद उसमें नमी की मात्रा कम हो जाए. इसी के बाद गेहूं की सभी किस्मों की कटाई अप्रैल के अंत तक कर लेनी चाहिए.

जो बड़े किसान हैं वह तो गेहूं की कटाई बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा सरलता से कर सकते हैं, लेकिन वही छोटे किसान जो मजदूरों के द्वारा दराती, हंसिया या फिर रीपर के माध्यम से गेहूं फसल की कटाई करते हैं, जिसमें सतह से 4-5 सेंटीमीटर ऊपर से कटाई की जाती है. इसके बाद किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना है कि जब वह फसल की कटाई करते हैं, तो उन्हें बीज से कट से आवाज आती है, तो समझ जाएं कि फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार है.

यह भी ध्यान रहे कि फसल के दाने की नमी करीब 15 से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर फसल कटाई के दौरान कहीं भी बीज की नमी अधिक लगती है, तो उसे खेत में ही छोड़कर करीब 4-5 दिन सूखने दें. सूखे के बाद किसान उसकी मड़ाई करें.

अगर किसान फसल की कटाई देर से करते हैं, तो इससे फसल की गुणवत्ता पर काफी बुरा असर देखने को मिलता है. साथ ही फसल पर चिड़िया और चूहे के द्वारा भी फसल को नुकसान पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: गेहूं की फसल में आग लगने पर ऐसे करें बचाव, इन 10 बातों का रखें ध्यान

गेहूं का बीज उत्पादन करने वाले किसानों के लिए सलाह

पूसा के डॉ राजीव कुमार ने कहा कि जो किसान इस समय गेहूं का बीज उत्पादन कर रहे हैं. इस समय किसानों को रोगिंग यानी की खेत से अवांछित पौधों को निकालना. दरअसल बीज उत्पादन की गुणवत्ता को बनाए रखने में अवांछित पौधे को गेहूं की कटाई से पहले करीब 1 से 2 बार उनकी रोगिंग जरूर कर देनी चाहिए. ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे. रोगिंग करने से किसान को काफी अधिक लाभ पहुंचता है. जैसा कि आप जानते हैं कि एक बाली में लगभग 50-55 दानों की संख्या होती है. अगर इसमें थोड़ी भी अवांछित पौधे की संख्या पाई जाती है, तो यह गेहूं के बीज की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है.

English Summary: IARI Pusa scientists issue advisory for farmers harvesting wheat crop gehun ki katai wheat seed production Published on: 07 April 2024, 03:17 PM IST

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