
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, करनाल में अनुसूचित जाति उप-योजना (SCSP) के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं बीज वितरण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति, आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में मानवप्रीत सिंह, उप महाप्रबंधक, नाबार्ड, पंचकुला, हरियाणा उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 07:30 बजे कृषकों के पंजीकरण से हुआ, जिसमें करनाल सहित आसपास के क्षेत्रों से लगभग 500 कृषकों ने भाग लिया. प्रातः 9:00 बजे प्रारंभ हुए तकनीकी सत्र में संस्थान के वैज्ञानिकों ने धान की उन्नत खेती, यंत्रीकरण, कीट एवं रोग प्रबंधन, बीज उत्पादन की गुणवत्ता तथा पोषण सुरक्षा हेतु सब्जी उत्पादन जैसे विषयों पर व्यावहारिक जानकारी साझा की. इस सत्र का संचालन डॉ. नफ़ीस अहमद, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में डॉ. राकेश सेठ, डॉ. एस. सी. राणा, डॉ. पी. आर. शशांक, डॉ. मनोज कुमार यादव, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. संदीप कुमार सहित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनेक वैज्ञानिकों ने सक्रिय भागीदारी की और किसानों को उपयोगी तकनीकी जानकारी प्रदान की.
मुख्य अतिथि द्वारा क्षेत्रीय स्टेशन, करनाल के वैज्ञानिक भवन में नवस्थापित विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला का उद्घाटन भी किया गया, जो अनुसंधान एवं परीक्षण को और सशक्त बनाएगी. मुख्य कार्यक्रम सत्र में संस्थान के अध्यक्ष डॉ. शिव के. यादव ने संस्थान की शताब्दी यात्रा और किसानों के प्रति समर्पण को रेखांकित किया. डॉ. संदीप कुमार लाल, प्रधान वैज्ञानिक एवं एस.सी.एस.पी. नोडल अधिकारी ने अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत प्राप्त उपलब्धियों और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी.
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त हो रहे एक उत्कृष्ट कर्मचारी, भगवान दास, तकनीकी अधिकारी को सम्मानित भी किया गया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मानवप्रीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “कृषि सशक्तिकरण राष्ट्र निर्माण का एक अहम आधार है” और नाबार्ड सदैव किसानों के साथ खड़ा है.
मुख्य अतिथि डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव ने अपने उद्बोधन में कहा कि, “जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए किसानों को चाहिए कि वे वैज्ञानिकों से संवाद बनाते हुए जलवायु-सहनीय नई किस्मों को अपनाएं और सतत कृषि की ओर बढ़ें.” उन्होंने संस्थान की इस पहल की सराहना की जिसमें अनुसूचित जाति समुदाय के किसानों को निःशुल्क धान एवं सब्जियों के बीज, किचन गार्डन किट, वर्मी कम्पोस्ट (मृदा उर्वरता सुधार हेतु), एवं हंसिया एवं कुदाल जैसे कृषि उपकरण भी वितरित किए गए.
बीज वितरण कार्यक्रम का संचालन डॉ. संगीता यादव, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अश्विनी कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने किया. कार्यक्रम के समापन के उपरांत पंजीकृत किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई.
संस्थान का यह प्रयास अनुसूचित जाति समुदाय के किसानों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम भी सिद्ध हुआ.
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