महंगाई की मार से बेहाल हो रही जनता को कहीं भी राहत की बयार नजर नहीं आ रही है. पहले पेट्रोल-डीजल की कीमत में आई तेजी, फिर एलपीजी सिलेंडर की कीमत में आई उछाल, फिर पीएनजी व सीएनजी की कीमतों ने लगाई छलांग, और अब खबर है कि सब्जी बनाने के इस्तेमाल में लाया जाने वाला पाम तेल भी महंगा हो गया है.
10 दिनों में यह दूसरी मर्तबा है, जब पाम तेल की कीमत में वृद्धि दर्ज की गई है. लिहाजा, अब तेल की कीमत में आई वृद्धि से आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले हम आपको उन सभी कारणों के बारे में बताए चलते हैं, जिसके चलते पाम तेल की कीमतों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.
स्टॉक में कमी
तेल की कीमतों में आई उछाल को लेकर संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.वी. मेहता कहते हैं कि सूर्यमुखी और तेल का स्टॉक कम होने की वजह से इनकी कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है. खैर, अब इनकी कीमतों में इजाफे का यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
वहीं, सूर्यमुखी की फसल यूक्रेन में 50 लाख टन कम हो गई है. इसके इतर इंडोनेशिया और मलेशिया में भी तेल के स्टॉक में कमी आई है. उधर, बीते कुछ दिनों में भारत में फसलों की आवक में भी कमी आ गई है. जिसके चलते इनके दाम में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.
इसके इतर तीसरा कारण फसलों की कटाई में हो देरी भी है, जिसके चलते बाजार में इन तेलों के दाम में उछाल दर्ज किया जा रहा है. हालांकि, सोमवार को मल्टी कॉमोडिटी एक्सचेंज में तेल की कीमत में नरमी दर्ज की गई थी. सीपीओ के मार्च अनुबंध में 1,055 रुपये प्रति 10 किलो पर कारोबार चल रहा.
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