मोदी सरकार ने'एक देश-एक कर' कहे जाने वाले गुड्ज़ एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की शुरुआत को स्वतंत्रता के 70 साल बाद से अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार का नाम दिया है. मोदी सरकार ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर कहा और इसे लागू करने के लिए जगह का चुनाव भी सोच कर किया.
मध्यरात्रि को एक घंटे से अधिक वक्त तक जारी जश्न का इंतज़ाम संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में किया गया था. सेंट्रल हॉल में नए कारपेट बिछाए गए थे. इसके साउंड सिस्टम को बेहतर बनाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में ज़ोर देकर सेंट्रल हॉल की ऐतिहासिक भूमिका को गिनाया.
प्रधानमंत्री ने सेंट्रल हॉल की अहमियत गिनाते हुए आगे कहा, "उस सदन में जहाँ कभी 14अगस्त 1947को रात के 12बजे देश की वो पवित्र महान घटना का ये स्थान साक्षी है". "रात्रि 12बजे इस सेंट्रल हॉल में हम एक साथ आए हैं,सेंट्रल हॉल की इस घटना के साथ हम याद करते हैं 9दिसंबर 1946को संविधान सभा की पहली बैठक".
वित्त मंत्री अरुण जेटली बहुत संतुष्ट नज़र आ रहे थे. सेंट्रल हॉल के जश्न में सबसे पहले वही बोले, "हम वस्तु और सेवा कर के लागू होने के साथ इतिहास बनाने की प्रक्रिया में शामिल हैं".
सेंट्रल हॉल में देश के बड़े और अहम 1000 के क़रीब लोगों को जश्न में शामिल होने का न्योता दिया गया था, जिन में राज्यों के मुख्यमंत्री, दोनों सदनों के सांसद, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा, विपक्ष के नेता और मनोरंजन जगत से अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों को बुलाया गया था.
जीएसटी के शुभारंभ को देश की क़िस्मत को बदलने वाली घटना बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि आधुनिक भारत के इतिहासकार देश के इतिहास को दो भागों में बाटेंगे - जीएसटी से पहले का स्वतंत्र भारत और जीएसटी के लागू करने के बाद का भारत.
उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू हुए भारत में अब चुंगियों के सामने ट्रकों की लम्बी क़तारें नहीं होंगीं, टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा. एक वस्तु का दाम अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नहीं होगा. इसका दाम देश भर में एक होगा.
वित्त मंत्री ने हमें बताया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी और टैक्स का जाल फैलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.
हर विशेषज्ञ के पास अलग-अलग राय है. हर नेता की समझ अलग है. लेकिन जीएसटी क्या है, इससे फायदा क्या होगा, ये अधिकतर व्यापारियों और ग्राहकों की समझ से बाहर नज़र आता है.
कुछ ने कहा जीएसटी पुराने वैल्यू एडेड टैक्स की तरह है. अधिकतर लोगों का फोकस था 28 प्रतिशत टैक्स जो उन्हें मंज़ूर नहीं था. कई ज़रूरी वस्तुओं पर ज़ीरो टैक्स को सभी नज़रअंदाज़ कर रहे थे.
कुछ ने ये भी कहा कि जीएसटी भी नोटबंदी की तरह है. एक दुकानदार ने कहा, "जब नोटबंदी लागू हुआ तो किसी को नहीं मालूम था आगे क्या होगा. अब जीएसटी लागू हो रहा है. किसी को नहीं मालूम आगे क्या होगा".
जिन लोगों को जीएसटी की जानकारी थी वो भी कह रहे थे कि आगे यानी 1 जुलाई के बाद क्या होगा ये कहना कठिन है. इसका विरोध भी हो रहा है. मगर वित्त मंत्री कहते हैं शुरू के चंद महीनों में कुछ कठिनाइयां हो सकती हैं लेकिन जीएसटी को वापस नहीं लिया जा सकता है.
- जीएसटी काउंसिल ने 1200 से ज़्यादा वस्तुओं-सेवाओं के लिए टैक्स दरें तय की हैं.
- अलग-अलग टैक्स श्रेणियां बनाई गई हैं जो 5 से 28 फ़ीसदी के बीच हैं.
- इनमें से 81 फ़ीसदी चीज़ें 18 फ़ीसदी टैक्स दर के नीचे आएंगी.
- खाने की बुनियादी चीज़ें, मसलन दूध, नमक और अनाज वगैरह को ज़ीरो टैक्स कैटेगरी में रखा गया है.
ज़ीरो फ़ीसदी (जिन पर नहीं लगेगा टैक्स)
- ताज़ा दूध
- खुला खाद्य अनाज
- ताज़ा फल
- ताज़ी सब्ज़ियां
- नमक
- गुड़
- अंडे
- खुला पनीर
- चावल, पापड़, रोटी
- जानवरों का चारा
- कंडोम
- गर्भनिरोधक दवाएं
- किताबें
- जलावन की लकड़ी
- चूड़ियां (ग़ैर कीमती)
- फूल भरी झाड़ू
इन पर लगेगा 5फ़ीसदी टैक्स
- चाय, कॉफ़ी
- खाने का तेल
- ब्रांडेड अनाज
- सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज
- ब्रांडेड पनीर
- कोयला (400 रुपये प्रति टन लेवी के साथ)
- केरोसीन
- घरेलू उपभोग के लिए एलपीजी
- काजू-किशमिश
- 500 रुपए तक क़ीमत के जूते
- 1000 रुपए क़ीमत तक के कपड़े
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट
- ज्योमेट्री बॉक्स
- कृत्रिम किडनी
- हैंड पंप
- लोहा, स्टील, लोहे की मिश्रधातुएं
- तांबे के बर्तन
- अगरबत्ती
इन पर लगेगा 12फ़ीसदी टैक्स
- ड्राई फ्रूट्स
- घी, मक्खन
- नमकीन
- मांस-मछली
- दूध से बने ड्रिंक्स
- फ़्रोज़ेन मीट
- बायो गैस
- मोमबत्ती
- एनेस्थेटिक्स
- अगरबत्ती
- दंत मंजन पाउडर
- चश्मे के लेंस
- बच्चों की ड्रॉइंग बुक
- कैलेंडर्स
- एलपीजी स्टोव
- नट, बोल्ट, पेंच
- ट्रैक्टर
- साइकल
- एलईडी लाइट
- खेल का सामान
- आर्ट वर्क
- मोबाइल फ़ोन
इन पर लगेगा 18फ़ीसदी टैक्स
- रिफाइंड शुगर
- कंडेंस्ड मिल्क
- प्रिजर्व्ड सब्ज़ियां
- बालों का तेल
- साबुन
- हेलमेट
- नोटबुक
- जैम, जेली
- सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेस
- मिनरल वॉटर
- पेट्रोलियम जेली, पेट्रोलियम कोक
- टॉयलेट पेपर
- प्रिंटर
- कंप्यूटर
इन पर लगेगा 28फ़ीसदी टैक्स
- मोटर कार
- मोटर साइकल
- चॉकलेट, कोकोआ बटर, फैट्स, ऑयल
- पान मसाला
- फ़्रिज़
- परफ़्यूम, डियोड्रेंट
- मेकअप का सामान
- वॉल पुट्टी
- दीवार के पेंट
- टूथपेस्ट
- शेविंग क्रीम
- आफ़्टर शेव
- लिक्विड सोप
- प्लास्टिक प्रोडक्ट
- रबर टायर
- चमड़े के बैग
- मार्बल, ग्रेनाइट, प्लास्टर, माइका
- टेम्पर्ड ग्लास
- रेज़र
- डिश वॉशिंग मशीन
- मैनिक्योर, पैडिक्योर सेट
- पियानो
- रिवॉल्वर
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