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सुमिंतर इंडिया ने महाराष्ट्र में चलाया जागरूकता अभियान

सुमिंतर इंडिया ओर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा महाराष्ट्र मे चलाये जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके तहत खरपतवार और कीटनाशको के प्रयोग से होने वाले आर्थिक तथा स्वास्थ की क्षति के विषय मे बताया गया | खरपतवार के नियंत्रण हेतु निराई - गुड़ाई पर जोर दिया गया साथ ही कृषक द्वारा स्वयं उत्पादित खेत, गाँव में उगने वाले पेड़ पौधों कि पत्तियों, बीजो से विभिन्न प्रकार के कीटनाशक (हर्बलएक्सट्रॅक्ट) बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया | कीट के जैविक नियंत्रण हेतु पिलेस्टिकी ट्रैप, फिरोमोनल ट्रैप आदि के प्रयोग कि विधि का प्रदर्शन किया गया |

सुमिंतर इंडिया ओर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा महाराष्ट्र मे चलाये जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके तहत खरपतवार और कीटनाशको के प्रयोग से होने  वाले आर्थिक तथा स्वास्थ की क्षति के विषय मे बताया गया | खरपतवार के नियंत्रण हेतु निराई - गुड़ाई पर जोर दिया गया  साथ ही कृषक द्वारा स्वयं उत्पादित खेत, गाँव में उगने वाले पेड़ पौधों कि पत्तियों, बीजो से विभिन्न प्रकार के कीटनाशक (हर्बलएक्सट्रॅक्ट) बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया | कीट के जैविक नियंत्रण हेतु पिलेस्टिकी ट्रैप, फिरोमोनल ट्रैप आदि के प्रयोग कि विधि का प्रदर्शन किया गया |  येलोस्टिकि ट्रैप किसान किसी भी पीले रंग की प्लास्टिक सीट, बोरी, आदि पर अरंडी का तेल लगाकर बना सकते है इससे धन की बचत एवं पर्यावरण सुरक्षित रहता है |

अधिक उत्पादन प्राप्त करने के भ्रम मे कृषक सोयाबीन कि फसल मे उर्वरक तथा रसायन का प्रयोग करते है. उर्वरक के प्रयोग से फसल मे अधिक बढ़वार हो जाती है. जिसे नियंत्रण करने के लिये एक रसायन क्लोरोमेकाट का छिडकावं करते है.

किसान खरपतवार हेतु ग्लयकोफॉस्फेट का प्रयोग करता है उक्त दोनो रसायन मानव, पशु एव पर्यावरण हेतु बहुत ही हानिकारक है.  इसके प्रयोग से फसल पर बहुत बुरा प्रभाव होता है.

कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एव विकास संजय श्रीवास्तव ने सोयाबीन कि फसल जैविक विधि से कैसे बिना किसी बाहरी इनपुट के उगाये विस्तार मे बताया, साथ ही खरपतवारनाशी एवं क्लोरोमेकाट से होने वाले फसल, पर्यावरण एव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को विस्तार से बताया. श्रीवास्तव की बात एवं स्वयं के अनुभव से बहुत से किसान सहमत हुये. किसानों से जैविक विधि से उगायी जा रही सोयाबीन की फसल को भी देखा जिसमे जैविक उर्वरक एव फफूंदनाशी से बीज उपचार, निराई - गुडाई, से खरपतवार नियंत्रण अच्छी कंपोस्ट का प्रयोग किया गया है | संतुलित पोषण एवं कीट नियंत्रण हेतु फसल में जीवामृत,  दशपर्णीअर्क, निमअर्क, एवं अन्य स्वनिर्मित वानस्पतिक कीटनाशी का प्रयोग किया जा रहा है जोकि किसान स्वयं तैयार करता है

इस अभियान का विशेष उद्देश यह है कि किसानों में खरपतवारनाशी एवं क्लोरोमेकाट का सोयाबीन में होने वाली क्षति से अवगत कराना बहुत से किसानों ने यह तय किया अब जो फसल खेत में खड़ी है उसपर स्वनिर्मित वानस्पतिक कीटनाशी डालकर बिन खर्च के रसायन मुक्त फसल उगायेंगे. कंपनी द्वारा प्रदर्शित ऑर्गेनिक सोया प्रक्षेत्र को देखकर किसान प्रभावित हुये एवं सराहना भी किया.

सुमिंतर इंडिया ओर्गेनिक्स के महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट मैनेजर राजीव पाटिल एवं मैनेजर महेश उन्हाळे  भी उक्त अभियान में उपस्थित थे. सुमिंतर इंडिया ओर्गेनिक्स द्वारा यह अभियान महाराष्ट्र में अकोला,  अमरावती,  बुलडाणा,  यवतमाळ एवं वाशीम जिला में चलाया जा रहा है.

English Summary: Sumitant India launches awareness campaign in Maharashtra Published on: 28 August 2017, 11:57 PM IST

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