भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research/ICAR) द्वारा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि और इससे सम्बद्ध क्षेत्रों में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुद्दों एवं चुनौतियों की समीक्षा की गई.
कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप व पुदुचेरी के लिए आईसीएआर की क्षेत्रीय समिति की इस बैठक का शुभारंभ मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of (Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh Tomar) द्वारा किया गया.
किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की आय (Farmer Income) बढ़ाने तथा संपूर्ण कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने पर है. इसके लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रो के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक के पैकेज दिए गए हैं.
इसके साथ ही कृषि मंत्री ने किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों, किस्मों, नस्लों व प्रथाओं की आवश्यकता पर प्रकाश भी डाला. उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करना, उच्च मूल्य वाली फसलें उगाना, राज्यों के सहयोग से चुनौतियों एवं मुद्दों का समाधान करना, उत्पादन तथा उत्पादकता में सुधार लाना समय की जरूरत है.
पीएम नरेंद्र मोदी का लक्ष्य
इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य तय किए हैं और इनके अनुरूप राज्यों के सहयोग से केंद्र द्वारा तेजी से चौतरफा कार्य किए जा रहे हैं. आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दलहन-तिलहन- पाम ऑयल मिशन पर भी सरकार प्रमुखता से कार्य कर रही है.
उन्होंने कृषि- सम्बद्ध क्षेत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आईसीएआर की सराहना की. विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मात्स्यिकी, पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि मछुआरों और पशुपालन श्रमिकों, विशेष रूप से जिनके पास मछली पकड़ने के उपकरण और भूमि के स्वामित्व की कमी है, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ की जरूरत है. इस संबंध में कार्यविधि तैयार करने की जरूरत है.
इसके अलावा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने खाद्य पर्याप्तता हासिल करने में आईसीएआर की भूमिका के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए खाद्य व पोषण सुरक्षा की आवश्यकता बताई.
इतना ही नहीं, डेयरी के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने बैठक के पुस्तकों व अन्य प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया.
उद्घाटन सत्र के बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार चर्चा के दौरान, कृषि और सम्बद्ध विभागों के सचिवों और निदेशकों ने क्षेत्रीय मुद्दे बताए. इन पर राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के संबंधित कुलपतियों व संबंधित क्षेत्र के आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों द्वारा चर्चा की गई.
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