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जीरो बजट फार्मिग के सहारे किसानों की आय दुगनी करेगी सरकार

मोदी सरकार-2 ने अपने कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य केंद्र बिन्दु गांव, गरीब और किसान है. बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से किसानों के जीवन को आसान बनाने के काम किए जायेंगे. निर्मला ने बजट भाषण के दौरान कहा कि असल भारत तो गांव में बसता है इसीलिए वहां के जीवन स्तर को सुधारने का हर संभव कार्य किया जाएगा. मोदी सरकार ने अपने आम बजट में किसानों की आय को दुगना करने के लिए जीरो बजट खेती को अपनाने की बात कही.

किशन

मोदी सरकार-2 ने अपने कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य केंद्र बिन्दु गांव, गरीब और किसान है. बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से किसानों के जीवन को आसान बनाने के काम किए जायेंगे. निर्मला ने बजट भाषण के दौरान कहा कि असल भारत तो गांव में बसता है इसीलिए वहां के जीवन स्तर को सुधारने का हर संभव कार्य किया जाएगा. मोदी सरकार ने अपने आम बजट में किसानों की आय को दुगना करने के लिए जीरो बजट खेती को अपनाने की बात कही. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पायलट आधार पर चल रही जीरो बजट खेती को देश के अन्य भागों को लागू करने का कार्य किया जाएगा. बता दें कि मौजूदा समय में जीरो बजट कृषि मुय रूप से तमिलनाडु में अपनाई जा रही है.

क्या है जीरो बजट फार्मिग

दरअसल जीरो बजट फार्मिग का मतलब परंपरागत खेती और उसके मूलभूत तरीकों को अपनाने से है. जीरो बजट खेती में कीटनाशक, रासायनिक खाद, हाईब्रिड बीज जैसे किसी भी आधुनिक उपायों का इस्तेमाल नहीं होता है. जीरो बजट फार्मिग को पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही किया जाता है. इस खेती का उद्देश्य किसानों को कर्ज के जाल से बाहर निकाल उनको खेती हेतु पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना है. कई राज्यों में महंगे बीज, और दुर्गम बाजारों के कारण कृषि लागत बढ़ने से किसान भारी कर्ज में है. जीरो बजट खेती से किसान अपने द्वारा बनाए गए खाद और अपने ही चीजों का प्रयोग करते है. इसमें रासायनिक उर्वरक की जरूरत नहीं होती है. इस तकनीक के सहारे उगाई गई फसल सेहत के लिए फायदेमंद होती है. यहां पर देसी खाद गाय का गोबर, गौमूत्र, चने के बेसन, गुड़, मिट्टी और पानी से बनती है. जीरो बजट खेती में सिंचाई और मड़ाई का कार्य बैलों के माध्यम से किया जाता है.

किसानों के बजट में और क्या

बता दें कि मोदी सरकार ने अपने बजट में 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया है. इससे अगले पांच सालों में किसानों को एक बड़े पैमाने पर लाभ मिलने की उम्मीद है. केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को हर हाल में दुगना किया जा सकें. इसके साथ ही सरकार पशुपालन और डेयरीपालन के सहारे भी किसानों की आमदनी और उनके जीवन स्तर को सुधारने पर जोर दे रही है. आम बजट में मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का भी ऐलान किया गया है.

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उत्तर प्रदेश में जीरो बजट खेती सिखा रहे कृषि ऋषि…

English Summary: Government will be able to make profits from farmers' farming scheme Published on: 08 July 2019, 12:52 PM IST

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