केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बिज़नस स्टैंडर्ड के कृषि राउंड टेबल को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की राजग सरकार किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कईं तरह के हितकारी फैसले ले रही है. जिसके चलते कृषि क्षेत्र के मामलों में कई तरह के परिवर्तन और सुधार हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कईं तरह की किसान कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि परंपरागत कृषि विकास, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जैविक खाद, सॉयल हेल्थ कार्ड, चमन प्रोजक्ट जैसी कई तरह की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया है. उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की धुरी है इसीलिए देश के किसानों का मजबूत होना बेहद ही जरूरी है। सिंह ने कहा कि देश में हरित क्रांति आ जाने से देश में कृषि कार्यों में तेजी आई और कृषि क्षेत्र में व्यापक स्तर पर बदलाव हुए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा सॉयल टेस्ट लैब हैं, जहां पर आसानी से मिट्टी का परीक्षण किया जा सकता है। आज देश में 2017-18 वर्ष तक खाद्यन्न उत्पादकता 255 मिलियन टन के मुकाबले बढ़कर 284 मिलियन टन तक पहुंच गई है जो कृषि क्षेत्र की उन्नति को दर्शाती है। सिंह ने कहा कि आज अधिक युवा कृषि अनुसंधान और शिक्षा के माध्यम से कृषि संबंधित क्षेत्रों के लिए आकर्षित हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम देने पर लगातार कार्य भी कर रही है।
बागवानी मत्स्य क्षेत्र भी बढ़ा
कृषि मंत्री सिंह ने फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 तक के अनुमान के मुताबिक बागवानी क्षेत्र में 17.55 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होकर इसका उत्पादन 306 मिलियन टन तक पहुंच चुका है। इसी तरह से देश में मत्स्य का उत्पादन 42 प्रतिशत बढ़कर 126.05 मिलियन टन हो गया है जो कि वर्ष 2010-14 तक 88.79 मिलियन टन तक था। उन्होंने यह भी कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन की दर 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जो कि वर्ष 2010-14 के दौरान 4 प्रतिशत के आसपास थी।
कृषि समस्या व चुनौतियों पर चर्चा
बिजनिस स्टैंडर्ड मीडिया हाउस के फोरम में कृषि क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों पर विचार किया गया जिसमें कई तरह की कृषि से जुड़ी समस्या जैसे फसल बीमा, कृषि कर्ज आदि पर बातें की गई है। फोरम में राजस्थान के अलवर और हरियाणा के रेवाड़ी से कईं किसानों ने इस कृषि चर्चा में भाग लिया। इस दौरान कृषि मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से आए विभिन्न अधिकारी शामिल थे जिन्होंने चर्चा में किसानों से बातचीत की। इस दौरान जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि को बाजार से जोड़ने जैसी गतिविधियों पर चर्चा की गई है। साथ ही किस तरह से कृषि लागत को कम किया जाए इन सभी मुद्दों पर संक्षेप में चर्चा की गई है।
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