
Stubble Burning: हरियाणा सरकार ने खेतों में जलाई जाने वाली पराली को रोकने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने कृषि विभागों को भी आदेश जारी कर दिए है कि फसलों के अवशेषों को जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कारवाई करें. इसी संदर्भ में करनाल कृषि विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब से जिले में पराली जलाने वाले किसानों को करीब 30 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होगा.
बता दें कि इस कार्य के लिए कृषि विभाग ने 70 टीमें भी गठित की है, जिसकी मदद से किसानों की पहचान करना आसान हो सके.
4 लाख 5 हजार एकड़ में गेहूं की काश्त का रजिस्ट्रेशन
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, करनाल जिले में अब से किसानों के द्वारा'मेरी फसल, मेरा ब्योरा' (Meri Fasal Mera Byora)में करीब 4 लाख 5 हजार एकड़ में गेहूं की काश्त का रजिस्ट्रेशन किया गया, जिसमें से कुछ किसान अपने खेत में गेहूं की कटाई के बाद बचे हुए अवेशषों को आग लगाकर खेत को खाली कर देते हैं, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ खेत की मिट्टी को भी काफी नुकसान पहुंचता है. इससे रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब कृषि विभागों को आदेश दिए है कि ऐसे किसानों की पहचान की जाए और उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएं.
30 हजार रुपए का लगेगा जुर्माना
करनाल जिले में किसानों के द्वारा खेतों में पराली जलाने पर कृषि विभाग करीब 30 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाएगी. फिलहाल ने पूरे राज्य में फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है. यदि कोई भी किसान सरकार के कानून का का उल्लघन करता है, तो उन्हें जुर्माना और सरकारी योजनाओं से वंछित किया जाएगा.
70 टीमें होंगी निगरानी पर
इस अभियान को सफल बनाने के लिए कृषि विभाग ने करनाल जिले में 70 निगरानी टीमें गठित की हैं. ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेंगी और खेतों में फसल जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखेंगी. अगर कोई किसान आग लगाता पाया गया, तो उसकी जानकारी तुरंत प्रशासन को दी जाएगी और नियमों के तहत जुर्माना लगाया जाएगा.
कृषि विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें और फसल अवशेषों को जलाने से परहेज करें. विभाग किसानों को फसल प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों की जानकारी भी दे रहा है, जिससे वे बिना जलाए अवशेषों का सही उपयोग कर सकें.
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