हर साल सरकार 1 फरवरी को अगले कारोबारी साल का बजट पेश करती है. यानी सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करने वाली है. इस बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी एलोकेशन में आधे से ज्यादा की कटौती की जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस कारोबारी साल ऑयल सब्सिडी के लिए लगभग 40,915 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया था. इस कारोबारी साल की पहली छमाही में ग्लोबाल ऑयल प्राइस कम रहा है, इसलिए सरकार को सितंबर से DBT के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी पूरी तरह से खत्म करने में मदद मिली है.
दिसंबर में गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ी
दिसंबर में तेल की वैश्विक कीमत में थोड़ी तेजी आई है. इस दौरान बिना सब्सिडी वाले 14.2 kg वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 100 रुपए बढ़ गई और 694 रुपए पर पहुंच गई है. अगर सरकार अगले कारोबारी साल में सिलेंडर पर 100 रुपए की सब्सिडी देती है, तोइस तरह सिर्फ लगभग 14 हजार करोड़ रुपए आवंटित करने होंगे.
इस कारोबारी साल दी इतनी LPG सब्सिडी
इस कारोबारी साल में सरकार की तरफ से पेट्रोलियम सब्सिडी पर लगभग 40,915 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो कि पिछले कारोबारी साल के 38,569 करोड़ रुपए आवंटन से 6प्रतिशत ज्यादा था. इस कारोबारी साल की सब्सिडी में लगभग 37,256.21 करोड़ रुपए LPG सब्सिडी के लिए आवंटित किए गए थे.
LPG सब्सिडी20 हजार करोड़ रुपए घट जाएगी
उम्मीद जताई जा रही है कि अगर अगले कारोबारी साल में तेल की वैश्विक कीमत 45 से 55 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहती है, तो LPG सब्सिडी मेंलगभग 20 हजार करोड़ रुपए घट जाएंगे. अगर सरकार अगले कारोबारी साल में भी गरीबों को 3 मुफ्त गैस सिलेंडर देती है, तो सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है.
20 करोड़ उपभोक्ताओं को मिल रही LPG सब्सिडी
आपको बता दें कि अभी तक LPG उपभोक्ताओं की संख्या लगग 28.65 करोड़ है, जिनमें लगभग 1.5 करोड़ उपभोक्ताओं को दिसंबर 2016 से LPG सब्सिडी नहीं मिल रही है. इसका कारण यह है कि उनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है. इस तरह DBT योजना के तहत सब्सिडी लेने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 27 करोड़ रह गई है. इनमें लगभग 20 करोड़ उपभोक्ताओं को LPG सब्सिडी मिल रही है, जो कि सालभर में लगभग 7 सिलेंडर का उपयोग करते हैं.
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