केरल अर्बन फार्मिंग (Urban Farming) को प्रोत्साहित करने के लिए 'राज्य बागवानी मिशन' (State Horticulture Mission) के तहत एक बड़ा फैसला लेने जा रहा है. दरअसल, राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अर्का वर्टिकल गार्डन संरचनाओं (Arka Vertical Garden Structures) को खरीदने और आपूर्ति करने की योजना बना रहा है.
वर्टिकल फार्मिंग है आने वाले समय की मांग (Vertical farming is the need of the future)
शुरुआती चरण में इसे बढ़ावा देने के लिए एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम (Ernakulam and Thiruvananthapuram) में शहरी आबादी का चयन किया गया है. Arka Vertical Garden Structures बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) बेंगलुरु द्वारा विकसित की गई है. IIHR ने राज्य सरकार को प्रौद्योगिकी पर जोर देने पर इच्छा जताई है. बता दें कि मिशन की इनिशियल स्टेज में 330 शहरी परिवारों को एकजुट करने की योजना बनाई गयी है.
अच्छी पैदावार में करता है मदद (Helps in good yield)
Vertical Garden Structure परिवारों की आवश्यकता के लिए सब्जियों की सुरक्षित और आसान खेती के लिए काफी उपयोगी है. इन संरचनाओं को बालकनी, छत आदि जैसे क्षेत्रों में रखा जा सकता है. जहां अच्छी धूप आती हो. इन संरचनाओं का उपयोग सब्जियां, औषधीय और फूलों की फसलों के लिए किया जा सकता है.
75% तक मिलती है सब्सिडी (Up to 75% subsidy is available)
वर्टिकल गार्डन स्ट्रक्चर की लागत 20,000 रुपये है और राज्य बागवानी मिशन शुरुआती स्टेज में 75 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रहा है. एक इकाई में 16 कंटेनर होंगे. साथ ही खरीदार को एक संरचना खरीदने पर उर्वरक और बीज सहित सभी आवश्यक वस्तुएं मिलेंगी.
आसान है यह तरीका (This method of vertical farming is easy)
बता दें कि Growing Medium के रूप में बर्तनों को मिट्टी या कोको पीट से भरा जा सकता है. इस संरचना के लिए बहुत ही कम जगह की आवश्यकता होती है क्योंकि इसे केवल एक वर्ग मीटर क्षेत्र में तैयार किया जा सकता है.
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वर्टिकल फार्मिंग के लिए बेस्ट बागवानी पौधे (Best Horticultural Plants for Vertical Farming)
इस संरचना के लिए टमाटर, मिर्च, मटर, बैगन, पत्तेदार सब्जियां आदि जैसे पौधे बेस्ट होते हैं. औषधीय पौधे जैसे ब्राह्मी, पुदीना, पुदीना आदि ऊपरी स्तरों में उगाए जा सकते हैं.
सिंधु एन पनिकर, संयुक्त निदेशक कृषि, राज्य बागवानी मिशन (Sindhu N. Panicker, Joint Director Agriculture, State Horticulture Mission) ने कहा कि "एक खरीदार को 5,000 रुपये में एक इकाई मिलेगी क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार 40:60 के अनुपात में सब्सिडी की लागत वहन करेगी."
खास बात यह है कि बढ़ती आबादी के साथ जगह की कमी हो रही है. ऐसे में राज्य बागवानी मिशन को सफतापूर्वक अपनाना भविष्य के साथ आज के समय की मांग है.
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