यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व के चलते सभी सरकारी विभाग नित्य नई योजनाएं लागू कर उन पर अम्ल कर रहे हैं। एक ऐसी ही योजना लेकर आए हैं गृह एवं जल विभाग व गौसेवा आयोग। दरअसल योगी आदित्यनाथ ने यूपी में गौसेवा व गौ-कल्याण योजनाओं को काफी तरजीह दी है। इसके चलते गृह एवं जेल विभाग और गौसेवा आयोग के बीच एक समझौता हुआ है। इस समझौते में यह फैसला लिया गया है कि गौसेवा आयोग जेलों में गौशाला चलाएगा। पहले यह आयोग पीएसी परिसर में गौशाला खोलना चाहता था लेकिन डीजीपी मुख्यालय की तरफ से मंजूरी न मिलने के चलते जेलों में गौशाला चलाने का निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय की पुष्टि जेल विभाग के एडीशनल इंस्पेक्टर जनरल शरद ने की और कहा कि जेलों में हमारे पास पर्याप्त जगह होती है और गायों की देखभाल करने के लिए अधिक लोग भी होते हैं। हम भी मुख्यमंत्री की गौ-कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने व उन्हें प्रभावी रूप से अपनाने के लिए तैयार हैं।
दो बार खारिज हुआ प्रस्ताव
गौ-कल्याणकारी योजनाओं से प्रेरित होकर आयोग के चीफ पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव गुप्ता ने डीजीपी व गृह एवं जेल विभाग के प्रमुख सचिव से पत्र व्यवहार किया। हालांकि पीएसी कम्पाउंड में गौशाला चलाने के प्रस्ताव को डीजीपी मुख्यालय ने खारिज कर दिया। इसे बाद श्री गुप्ता ने दोबारा दोनों विभागों को पत्र लिखा और गुजारिश की कि जिस तरह से पीएसी स्कूल चल रहा है ठीक उसी तरह से गौशाला भी चलाई जा सकती हैं। इससे पुलिसकर्मियों को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। वहीं कैदियों को भी रोजगार मिलेगा लेकिन दूसरी बार भी पीएसी द्वारा यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था।
12 जेलों में गौशाला चलाने का आदेश
हालांकि गृह एवं जेल के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार के अनुसार पीएसी परिसर में गौशाला चलाना संभव नहीं है। हमने कमिशन की सिफारिशों पर ध्यान दिया है और इसे अन्य विभागों को आगे बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि पीएसी के पास पहले से ही कई कामों का भार है। इस वजह से गृह विभाग ने कमिशन को यूपी की 69 जेलों में से 12 में गौशाला चलाने का आदेश दिया है।
किसान भाइयों आप कृषि सबंधी जानकारी अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकतें हैं. कृषि जागरण का मोबाइल एप्प डाउनलोड करें और पाएं कृषि जागरण पत्रिका की सदस्यता बिलकुल मुफ्त...
Share your comments