भारत में गायों का एक अलग ही स्थान है. यहां गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और गौ माता की पूजा भी की जाती है. लेकिन बहुत से स्थानों पर आपने देखा होगा कि गायें यूं ही सड़कों पर घूम फिर के अंत में तम तोड़ देती हैं, फिर मजबूरन पशु के अवशेष को या तो नदी- नालों में फेंक दिया जाता है, या फिर चील कौवे खा जाते हैं. इसके अलावा पशुपालकों के पास उपयुक्त इंतेजाम और जमीन नहीं होने के कारण पशुओं का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाता. इसी के चलते झारखंड सरकार ने गौ संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गौ मुक्ति धाम बनाने का निर्णय लिया है.
झारखंड में बनेगा मुक्ति धाम
राज्य सरकार ने राज्य में गौ मुक्ति धाम बनाने के लिए कवायद तेज कर दी है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का कहना है कि पलामू जिले के नावा बाजार प्रखंड में गो वंशो का अंतिम संस्कार किया जाएगा. खास बात यह कि यह राज्य का पहला गौ मुक्ति धाम होगा.
हर ब्लॉक में होगा गौ मुक्ति धाम
राज्य में गौ मुक्ति धाम को बनाने के लिए शुरूआत तेज कर दी गई है, जिसके लिए राज्य के हर ब्लॉक में गौ मुक्ति धाम बनाए जा रहे हैं. सरकार की इस पहल को देखते हुए बाकी राज्य भी इसके लिए आगे बढ़कर आएंगे.
झारखंड में बनेगी पशुपालन यूनिवर्सिटी
इसके अवाला झारखंड में पहली पशुपालन यूनिवर्सिटी बनने जा रही है. साथ ही झारखंड सरकार 100 से अधिक पशु चिकित्सा केंद्रों को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है और पशुओं के लिए नए पशु अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा. ताकि पशुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होती है तो, जल्द ही इलाज मुहैय्या करवाया जाए.
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लंपी वायरस से बचाव जरूरी
भारत में जिस तरह से लंबी वायरस का कहर पशुओं को बरपा था, उससे शायद ही कोई अंजान हो. लंपी वायरस के चलते कई लाख पशु मौत के घात उतर गए. झारखंड सरकार भी लंपी वायरस जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने के लिए जोर दे रही है. क्योंकि अभी भी लंपी वायरस का प्रकोक खत्म नहीं हुआ है. राज्य सरकार का कहना है कि वैक्सीनेशन से लंपी वायरस का खतरा कम होने लगता है.
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