चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनियाभर में मौत का तांडव कर रहा है. लोग इसको लेकर सचेत हैं लेकिन इस वायरस को लेकर तरह-तरह की अफ़वाहों का बाजार भी गर्म है. सोशल मीडिया पर शायद यह संदेश आपने भी पढ़ा होगा कि चिकन खाने से कोरोना वायरस का खतरा है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि सच क्या है.
सरकार का क्या कहना है
आईबी ग्रुप के संस्थापक बहादुर अली से मुलाकात के दौरान पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने सभी तरह की खबरों को अफ़वाह बताते हुआ कहा, “लोगों को मनगढ़ंत सूचनाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए. भारतीय पोल्ट्री उत्पादों को कोरोना वायरस से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है और सरकार इसको लेकर गंभीर है.” उन्होंने कहा कि लोग बिना डरे साफ़-सफाई के साथ चिकन का उपयोग कर सकते हैं.
आईबी ग्रुप लोगों को कर रहा है जागरुक
इसी सन्दर्भ में बहादुर अली, और आईबी ग्रुप के निदेशक गुलरेज़ आलम समेत रिक्की थापर ने कहा, “सोशल मीडिया पर चल रही अफ़वाहों को देखते हुए हम लोगों को जागरुक कर रहे हैं. कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सक्रमण से ही फैलता है और पोल्ट्री से इसका कोई लेना देना नहीं है. वहीं आईबी ग्रुप के पोल्ट्री विशेषज्ञ विजय सरदाना ने कहा कि पोल्ट्री ही नहीं बल्कि अन्य पक्षियों का भी इससे कोई संबंध नहीं है.
विश्व पोल्ट्री उद्योग और कोरोना वायरस
पशुपालन मंत्रालय के मुताबिक भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के सभी देश चिकन का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि कोरोना वायरस का पोल्ट्री उत्पादों से किसी तरह का संबंध प्रमाणित नहीं हुआ है.
मक्का उद्योग भी हो रहा है प्रभावित
बता दें कि भारत देश के सारे मक्का और सोया किसान पोल्ट्री से जुड़े हुए हैं. ऐसे में इन अफ़वाहों से ना सिर्फ पोल्ट्री उद्योग प्रभावित हो रहा है बल्कि मक्का और सोया पर भी नकारात्मक असर हो रहा है.
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