1. Home
  2. ख़बरें

खुशखबरी! मक्के की खेती करने के लिए मिलेंगे मुफ्त बीज, जल्द उठाएं इसका लुफ्त

झारखंड के कोरबा में किसानों को जिला कृषि विभाग ने मक्के की बुवाई के लिए मुफ्त बीज देने का ऐलान किया है. बता दें कि फ्री बीज पाने से किसानों को हुई नुकसान की भरपाई के साथ उनके आय वृद्धि में भी मदद मिल सकेगी.

रुक्मणी चौरसिया
Maize Seeds
Maize Seeds

कहते हैं हर बुरे वक्त में कुछ अच्छा भी जरूर होता है और यही कुछ हम मक्के की फसल में भी देख रहे हैं. इस बार हुई बेमौसम बारिश मक्के की खेती (Maize Farming) के लिए अनुकूल हो सकती है. जमीन में आयी नमी की वजह से मक्कों की फसल में कम लागत के साथ किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसी के चलते झारखंड (Jharkhand) में एक किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया गया है.

फ्री मक्का बीज की मिलेगी सुविधा (Facility of free maize seed will be available)

जी हां, झारखंड के कोरबा (Korba) में किसानों को जिला कृषि विभाग ने मक्के की बुवाई के लिए मुफ्त बीज (Free Maize Seeds) देने का ऐलान किया है. बता दें कि फ्री बीज पाने से किसानों को हुई नुकसान की भरपाई के साथ उनके आय वृद्धि (Increase Farmer Income) में भी मदद मिल सकेगी.

अनाज की रानी 'मक्का' (Queen of cereals 'Maize')

खास बात यह है कि मक्का दुनिया के महत्वपूर्ण खाद्य, हरा चारा और औद्योगिक फसलों में से एक है. इसे अनाज की रानी कहा जाता है. इसके साथ ही अनाज की फसलों में मक्का की उपज/हेक्टेयर सबसे अधिक है.

मक्का का उत्पादन किसानों के लिए है फायदेमंद (Maize production is beneficial for farmers)

भारत में सबसे अधिक मक्का उत्पादक राज्य कर्नाटक, आंध्र, बिहार, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान हैं. इसका उपयोग मुख्य भोजन के रूप में किया जाता है. क्योंकि यह प्रोटीन, स्टार्च, तेल, मादक पेय, सौंदर्य प्रसाधन, गोंद, कागज और पैकेजिंग उद्योग आदि के लिए एक बुनियादी कच्चे माल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.

किसानों के लिए बेहतर अवसर (Better opportunities for farmers)

वहीं कोरबा में लगातार 4 दिन से बारिश हो रही है, जिसके चलते यहां के जिला कृषि अधिकारी अनिल शुक्ला (District Agriculture Officer Anil Shukla) ने खेतों में रोग और कीटों के प्रकोप को देखते हुए यह कदम उठाया है.

उन्होंने कहा की बारिश केवल नुकसान के नहीं, बल्कि गेंहू की सिंचाई (Wheat Irrigation) और मक्के की बुवाई (Sowing of Maize) के लिए नए अवसर लेकर आया है.

किसानों को मिल रही है मदद (Farmers are getting help)

अधिकारी ने आगे कहा कि धान की एक बाली तैयार करने में 5-6 लीटर पानी लगता है, तो वहीं मक्के का पौधा 2-3 लीटर पानी में तैयार हो जाता है. मक्का एक ऐसी फसल है, जो 3 महीने में पककर तैयार हो जाती है.

यानि आप अगर जनवरी में लगाते हो तो इसकी फसल मार्च के अंत तक पक कर रेडी हो जाएगी. इसके अलावा उन्होंने और भी कई गांव के दौरे किये और किसानों से कहा कि फसल में लगे रोग निवारण के लिए नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क कर सकते हैं.

मक्का के पौष्टिक तत्व (Nutritional Elements of Maize)

सभी प्रकार के मक्के पौष्टिक और मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. मक्का विटामिन बी, थियामिन, नियासिन, फोलेट और पैंटोथेनिक एसिड का एक बहुत अच्छा स्रोत है. साथ ही यह फाइबर और कुछ आवश्यक खनिज जैसे फास्फोरस और मैग्नीशियम भी प्रदान करता है.

English Summary: Farmers will get free seeds to cultivate maize, enjoy it soon Published on: 14 January 2022, 12:06 PM IST

Like this article?

Hey! I am रुक्मणी चौरसिया. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News