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किसानों को मिलेगा लाभ, चालू वित्त वर्ष में नाबार्ड बांटेगा 1.20 लाख करोड़ रुपये का फसली ऋण

कोरोना काल में खेती-किसानी को हुए नुकसान से उबारने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं. किसान लगातार अपने खेती के कार्यों को लगातार जारी रखें इसलिए सरकार उन्हें हर प्रकार के लाभ मुहैया करवाना चाहती है. किसानों को सरकार द्वारा कभी कृषि यंत्रों पर तो कभी फसलों पर अनुदान मुहैया कराती है जिससे उन्हें लाभ मिलता है. वहीं किसानों को इस संकट से उबारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकैज का भी ऐलान किया गया था. इस आर्थिक पैकेज में कई राज्यों की फसलों को बढ़ावा देना और साथ ही उन्हें एक्सपोर्ट के लिए भी तैयार करना है.

आदित्य शर्मा

कोरोना काल में खेती-किसानी को हुए नुकसान से उबारने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं. किसान लगातार अपने खेती के कार्यों को लगातार जारी रखें इसलिए सरकार उन्हें हर प्रकार के लाभ मुहैया करवाना चाहती है. किसानों को सरकार द्वारा कभी कृषि यंत्रों पर तो कभी फसलों पर अनुदान मुहैया कराती है जिससे उन्हें लाभ मिलता है. वहीं किसानों को इस संकट से उबारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकैज का भी ऐलान किया गया था. इस आर्थिक पैकेज में कई राज्यों की फसलों को बढ़ावा देना और साथ ही उन्हें एक्सपोर्ट के लिए भी तैयार करना है.

कोविड-19 से गुजर रहे इस संकट के बीच किसानों को राहत दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने एक बार फिर से हाथ आगे बढ़ाया है. संकट के समय चालू वित्त वर्ष में नाबार्ड 1.20 लाख करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित करेगा. बैंक के अनुसार किसानों को इससे कृषि उत्पादन से जुड़े व्यय को पूरा करने में मदद मिलेगी. नाबार्ड देश का शीर्ष कृषि पोष संस्थान हैं और यह हर साल 90,000 करोड़ की राशि रियायती ब्याज दर पर फसल ऋण के रूप में विकरित करता है. नाबार्ड के एक बड़े अधिकारी की मानें तो बैंक के द्वारा चालू वित्त वर्ष में 1.20 लाख करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया जाएगा. वहीं इसमें यह जानकारी दिया गया कि बैंक द्वारा पहले ही इसमें 40,000 करोड़ रुपए का ऋण बांटा जा चुका है.

बैंक अधिकारी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इन दिनों कृषि क्षेत्र में काफी परिवर्तन देखने को मिला है. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की मदद से वह क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी. इसके साथ ही नाबार्ड के द्वारा जानकारी देते हुए कहा गया कि योजना के तहत इस चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ और अगले तीन साल के लिए हर साल 30,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है.

बता दें कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने की दिशा में नाबार्ड द्वारा कई प्रकार के कार्यों को पूरा किया जा रहा है. नाबार्ड के द्वारा देश के कृषक उत्पादक संगठनों को वित्त सहायता भी प्रदान किया जाता है.

ये ख़बर भी पढ़े: सिल्वर लेक जियो के बाद अब रिलायंस रिटेल में भी 7,500 करोड़ रुपए करेगा निवेश

English Summary: Farmers will get benefit: NABARD will distribute crop loan of Rs 1.20 lakh crore in the financial year Published on: 12 September 2020, 03:55 PM IST

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