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कृषि मंत्रालय के सहयोग से शुरू हुआ किसान रेल, किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी !

किसान रेल, पश्चिमी महाराष्ट्र के किसानों के जीवन में एक नई रोशनी लाई है. क्योंकि यह रेल पौष्टिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले फल यानि कि अनार को महाराष्ट्र से उत्तरी भारत तक पहुंचाती है. अब तक पिछले एक महीने में 1100 टन से अधिक अनार का परिवहन किया गया है. सस्ते और सबसे तेज़ परिवहन का लाभ उठाने वाले किसान उत्साहित हैं और खुश हैं क्योंकि किसान रेल अब सप्ताह में 3 दिन चल रही है.

विवेक कुमार राय

किसान रेल, पश्चिमी महाराष्ट्र के किसानों के जीवन में एक नई रोशनी लाई है. क्योंकि यह रेल पौष्टिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले फल यानि कि अनार को महाराष्ट्र से उत्तरी भारत तक पहुंचाती है. अब तक पिछले एक महीने में 1100 टन से अधिक अनार का परिवहन किया गया है. सस्ते और सबसे तेज़ परिवहन का लाभ उठाने वाले किसान उत्साहित हैं और खुश हैं क्योंकि किसान रेल अब सप्ताह में 3 दिन चल रही है.

सबसे ज्यादा किया गया अनार का परिवहन

महाराष्ट्र के किसानों में किसान रेल दिनों-दिन लोकप्रिय हो रही है. क्योंकि यह महाराष्ट्र के सांगोला, पंढरपुर, कोपरगाँव, पुणे, दौंड, नासिक, मनमाड क्षेत्रों से अनार, शिमला मिर्च, फूलगोभी, नींबू, हरी मिर्च, आइस्ड-फिश, जीवित पौधे, अंडे और अन्य सब्जियाँ का लगातार व समय पर परिवहन कर रही है. किसान रेल द्वारा अब तक ले जाए गए कुल पेरिशेबल वस्तुओं में से 1127.67 टन अनार का परिवहन किया गया है, जोकि इस रेल से लोड किये जाने वाले पेरिशबल्स का लगभग 61 प्रतिशत है.

किसानों ने दी अच्छी प्रतिक्रिया

7 अगस्त 2020 को देवलाली से दानापुर तक एक साप्ताहिक सेवा के रूप में शुरू की गयी और बाद में मुज़फ़्फ़रपुर तक विस्तारित की गई और बाद में सांगोला / पुणे से मनमाड में एक लिंक रेल से जुड़ी, किसान रेल अब एक त्रिसाप्ताहिक के रूप में चल रही है, जो किसानों की बढ़ती प्रतिक्रिया को दर्शाता है.

अनार के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 62.91%

अनार, फल में एक प्रभावशाली पोषक तत्व होता है जिसमें विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट, पोटेशियम आदि शामिल होते हैं, जिनका नासिक, पुणे और सोलापुर में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के अनुसार, अनार, सोलापुर पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों, कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 62.91% है. इसलिए, इस विशाल उपज को देशभर में सड़क परिवहन के माध्यम से ट्रकों पर ले जाया जाता है, जिससे किसानों को कम आय प्राप्त होती है, और कई दिन लग जाते हैं.

कृषि मंत्रालय के सहयोग से शुरू हुआ किसान रेल

किसान रेल को कृषि मंत्रालय के सहयोग से रेल मंत्रालय द्वारा शुरू किया है, जिससे किसानों के लिए परिवहन की तीव्रता, आय में वृद्धि, मात्रा पर प्रतिबंध न होने, सड़क की तुलना में सस्ता और बड़ी बचत के साथ किसानों के लिए आशा और अवसर बना है. टोल सहित परिवहन लागत भी कम है. अखिल महाराष्ट्र डाळिंब उत्पादक संसोधन संघ, पुणे के अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की कि रेल मंत्रालय द्वारा किसान रेल ने परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में समय कम कर दिया है और चूँकि ताजा माल कम समय में बाजार में जा रहा है, फल की मांग है किसानों को अच्छा और उपज देने वाला लाभ मिलता है.

English Summary: Railways run Kisan Rail 'for farmers, Published on: 12 September 2020, 06:21 PM IST

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