किसानों को कर्ज से राहत दिलवाने के लिए प्रदेश में कर्ज माफी योजना लाने की बजाए कर्ज मुक्ति पर काम और तेज हो गया है. दरअसल 'किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी' की दूसरी बैठक में बुधवार को चंडीगढ़ में गहन विचार-विमर्श किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने की. इस दौरान कमेटी ने सभी डीसी को जल्द से जल्द किसानों का पूरा डाटा देने को कहा है. इस कमेटी को गठित करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसानों को कर्ज से छुटकारा दिलवाने के लिए पेंशन के रूप में कुछ राशि दी जा सके. इसके लिए हरियाणा सरकार किसानों को हर महीने 5 हजार रुपए पेंशन देने की तैयारी कर रही है.
इसके लिए 'किसान पेंशन ड्राफ्ट कमेटी' बहुत जल्द ही किसानों की भलाई के लिए सर्वसम्मति से फैसला लेकर प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके लिए सभी डीसी को निर्देश दिए जाएंगे कि वे जल्द से जल्द अपने जिले के किसानों का वर्तमान डाटा और शेष विरासत इंतकाल को भी जल्द पूरा करवाकर 10 दिनों के अंदर एक साथ पूरा डाटा भिजवाएं. इसके बाद कमेटी प्राप्त आंकड़ों पर आगे की कार्यवाही करेगी. ख़बरों के मुताबिक, सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली पेंशन का आधार 60 वर्ष हो सकता है. यदि कोई किसान पहले से बुढ़ापा पेंशन ले रहा है तो उसके 2 हजार रुपए में 3 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि जोड़कर कुल 5 हजार रुपए प्रति माह दिया जा सकता हैं.
गौरतलब है कि कमेटी की बैठक में यह विचार भी किया गया कि आयकर देने वाले किसानों को पेंशन के दायरे में नहीं रखा जाएगा. प्रदेश में करीब 16.5 लाख किसान हैं. कमेटी यह जानना चाहती है कि कितने किसान आयकर देते हैं. सामान्य या मध्यम वर्ग किसानों की संख्या कितनी है, यह डाटा कमेटी ने मांगा है. डाटा मिलने के बाद ही कमेटी अंतिम फैसला लेगी.बता दे कि प्रदेश के सहकारी बैंकों का किसानों पर तक़रीबन 7700 करोड़ रुपये बकाया है. ऐसे में सरकार चाहती है कि किसानों पर बोझ कम हो.
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