देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की रफ्तार कम हो गई है, इसलिए अधिकतर राज्य धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहे हैं. इस बीच एक बार फिर किसान भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं.
सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून (Agriculture Bills) के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस विरोध प्रदर्शन को लगभग 7 महीने होने वाले हैं. इसी बीच एक बार फिर किसान आंदोलन में तेजी लाने की कवायद की जा रही है. ऐसा इसलिए, क्योंकि किसान 30 जून को विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
26 जून को किसानों का धरना (Farmers' strike on 26 June)
देशभर में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को 7 महीने पूरे होने पर 26 जून को राजभवनों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि इस दिन किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे. इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे.
30 जून को प्रदर्शन (Protest on June 30)
देशभर के सभी प्रदर्शन स्थलों पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 30 जून को 'हूल क्रांति दिवस'(Hool Kranti Day) मनाने का फैसला किया है. किसानों के मुताबिक, किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को स्थानीय इलाकों के ग्रामीण और खाप का भी समर्थन मिलेगा. उनका कहना है कि 30 जून को जनजातीय क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किया जाएगा इसके साथ ही सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित ग्राम सेलागर के आदिवासियों को अपना पूरा समर्थन दिया है
किसान संगठन पहुंच रहे दिल्ली (Farmers organization reaching Delhi)
आपको बता दें कि किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के समर्थन में AIKS, AIAWU और CITU के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा दल सिंधु बॉर्डर क्षेत्र धरना स्थल पर पहुंचा है. इसी तरह कई प्रदर्शनकारी गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर इलाकों में पहुंच रहे हैं.
तेज होगा किसान आंदोलन (Kisan Andolan will intensify)
माना जा रहा है कि जुलाई में देश के सभी छोटे-बड़े राज्यों के किसान संगठन दिल्ली आएंगे. इसके साथ ही उन्हें राज्यों में ही छोटे प्रदर्शनो के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. एक बार फिर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों (Agriculture Bills) के खिलाफ किसान संगठन आवाज बुलंद करने वाला है.
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